AIADMK में सत्ता के लिए संघर्ष तेज, क्या तमिलनाडु में खिलेगा कमल का फूल
क्या तमिलनाडु किसी अलग तरह के राजनीतिक प्रयोग के लिए तैयार हो रहा है, या सत्ता हस्तांतरण की दिशा में शशिकला कामयाब हो सकेंगी। इन सब सवालों पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
नई दिल्ली(जेएनएन)। तमिलनाडु की राजनीति में डीएमके और एआइएडीएमके के बीच अदावत से सभी वाकिफ हैं। लेकिन मौजूदा समय में एआइएडीएमके के भीतर ही सत्ता संघर्ष तेज हो चला है। जयललिता की तबीयत खराब होने से लेकर उनके निधन तक पार्टी के साथ-साथ विपक्षी दल शशिकला नटराजन की भूमिका को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। शशिकला के बारे में जितनी बातें दबी जुूबां होती थी, अब वो सब सार्वजनिक हो चुकी है।
पन्नीरसेल्वम-शशिकला के बीच जंग
बीते रविवार को जब शशिकला को पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया तो ऐसा लगा कि तत्कालीन सीएम पन्नीरसेलवम ने स्वेच्छा से सत्ता हस्तांतरण की सहमति दे दी हो। मंगलवार आते आते पन्नीरसेलवम के बोल बदले। उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ वो सब जबरदस्ती हुआ। उनके साथ बदसलूकी की गई, उन्हें धक्का दिया गया। पन्नीरसेलवम को पार्टी के कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया गया। इन सबके बीच तमिलनाडु की राजनीति में अपनी जमीन तलाश रही भाजपा को आशा की किरण दिखाई दे रही है। ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्या सुदूर दक्षिण में भाजपा कमल खिलाने में कामयाब हो सकेगी ?
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तमिलनाडु में खिलेगा कमल !
जानकारों का कहना है कि पांच दिसंबर को जयललिता के निधन के बाद ही शशिकला ने सत्ता हस्तांतरण के लिए पन्नीरसेलवम पर दबाव डाला था। लेकिन पीएम मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से बेहतर संबंधों की वजह से पन्नीरसेलवम राजनीतिक खेमेबंदी में जुटे रहे। इसके अलावा जिस तरह से तमिलनाडु के गवर्नर सी विद्यासागर राव के कार्यालय ने बताया कि वो सोमवार को चेन्नई में उपलब्ध नहीं है, उसके बाद से तमिलनाडु की राजनीति में अफवाहों ने जोर पकड़ना शुरू किया कि अब प्रदेश में कुछ अलग तरह का बदलाव होने जा रहा है।
शशिकला के पति ने दिल्ली में डाला डेरा
शशिकला नटराजन के पति एम नटराजन दिल्ली में डेरा डाले हुए थे। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ साथ दिग्गज वकील कपिल सिब्बल से बातचीत की थी। जानकारों का कहना है कि भाजपा की सोच है कि डीए केस में अगले हफ्ते आने वाले फैसले के बाद ही शशिकला को शपथ लेना चाहिेए। इसके अलावा शशिकला को इस बात से भलीभांति परिचित हैं कि पन्नीरसेलवम को लेकर पीएम मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सहानुभूति रखते हैं। भाजपा के फ्लोर मैनेजरों को लगता है कि संख्या बल के लिहाज से एआइएडीएमके का साथ होना बेहद जरूरी है।
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