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भाजपा के मिशन कश्मीर में पेंच, पीडीपी ने रखी पांच शर्तें

घाटी में धुर विरोधी पार्टियों के हाथ मिलाने की आशंका ने भाजपा को सतर्क कर दिया है। नई परिस्थिति में भाजपा अपने मुख्यमंत्री के दावे से पीछे भी हट सकती है। माना जा रहा है कि नेशनल कांफ्रेस (नेकां) भाजपा के मुख्यमंत्री के साथ सरकार बनाने के फार्मूले पर राजी

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Fri, 26 Dec 2014 07:15 AM (IST)Updated: Sat, 27 Dec 2014 03:25 AM (IST)
भाजपा के मिशन कश्मीर में पेंच, पीडीपी ने रखी पांच शर्तें

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। घाटी में धुर विरोधी पार्टियों के हाथ मिलाने की आशंका ने भाजपा को सतर्क कर दिया है। नई परिस्थिति में भाजपा अपने मुख्यमंत्री के दावे से पीछे भी हट सकती है। माना जा रहा है कि नेशनल कांफ्रेस (नेकां) भाजपा के मुख्यमंत्री के साथ सरकार बनाने के फार्मूले पर राजी होने से कतरा रही है। ऐसे में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने और नेकां के उसे बाहर से समर्थन देने के विकल्प की चर्चा शुरू हो गई है। इस बीच नई सरकार के गठन के लिए राज्यपाल ने पार्टियों के साथ विचार-विमर्श शुरू कर दिया है और भाजपा व पीडीपी को इसके लिए बुलाया है।

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बृहस्पतिवार तक अपने मुख्यमंत्री का दावा करने वाले भाजपा के सुर शुक्रवार को नरम पड़ गए। एक उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा कि भाजपा को सत्ता में रोकने के लिए सभी विरोधी दलों के एकजुट होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। शाम होते-होते यह चर्चा जोर पकडऩे लगी कि पीडीपी की घोर विरोधी नेशनल कांफ्रेस ने सरकार बनाने के लिए बिना शर्त समर्थन की चिट्ठी दे दी है। वैसे शाम को उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर ऐसी चिट्ठी के वजूद से साफ इंकार कर दिया है। उसने स्वीकार किया कि मौखिक रूप से पीडीपी सरकार को समर्थन देने की बात कही गई थी।

भाजपा की मांगों से घाटी के दोनों दलों के एतराज के बाद शुक्रवार को पीडीपी नेताओं ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने के विकल्प तलाशना शुरू कर दिया। इसके पहले बृहस्पतिवार की रात को राम माधव के साथ मुलाकात में पीडीपी नेता मुजफ्फर बेग ने साफ कर दिया कि उन्हें भाजपा का मुख्यमंत्री कतई स्वीकार नहीं होगा। पीडीपी और कांग्रेस को मिलाकर विधायकों की संख्या 40 हो जाती है, जो बहुमत से केवल चार कम है। ऐसे में छह निर्दलीय विधायकों के उनके साथ जाने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। यदि नेकां ने बाहर से समर्थन दे दिया, तो इसकी भी जरूरत नहीं होगी।

जाहिर है कि नए समीकरण के सरकार बनाने में सफल होने की आशंका से सतर्क भाजपा नए सिरे से विकल्पों पर विचार कर रही है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनकी कोशिश नई सरकार में घाटी और जम्मू दोनों क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व देने की है। भाजपा के बगैर बनने वाली किसी भी सरकार में जम्मू को प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाएगा। समस्या यह है कि नेकां, जिसके साथ सरकार बनाने को भाजपा सबसे ज्यादा तरजीह दे रही थी, उसके नेता उमर अब्दुल्ला शुक्रवार की देर रात लंदन के लिए रवाना हो रहे हैं। उनकी अनुपस्थिति में किसी फार्मूले पर मुहर लगाना मुश्किल होगा। भाजपा ने अपनी ओर से उमर अब्दुल्ला को राज्यसभा और मोदी कैबिनेट में जगह तथा फारूख अब्दुल्ला को राज्यपाल बनाने का ऑफर दिया था। इसके बदले भाजपा अपना मुख्यमंत्री चाहती है, जो उमर को मंजूर नहीं है।

सरकार बनाने के लिए पीडीपी ने रखी पांच शर्तें

श्रीनगर, जागरण ब्यूरो। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता समीर कौल ने राज्य में गठबंधन सरकार के लिए भाजपा के साथ बातचीत को स्वीकारते हुए कहा कि हमने मुफ्ती मुहम्मद सईद के लिए छह साल तक मुख्यमंत्री पद समेत पांच शर्तें रखी हैं। इन पर सहमति के बाद ही भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई जाएगी, लेकिन नेशनल कांफ्रेंस के साथ हमारा कोई मेल नहीं हो सकता। वहीं दूसरी ओर भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा कि हमारे समक्ष किसी भी राजनीतिक दल ने कोई शर्त नहीं रखी है।

पीडीपी नेता समीर कौल ने कहा कि यह कहना पूरी तरह गलत है कि पीडीपी के लिए भाजपा के साथ गठबंधन सरकार बनाना सियासी तौर पर घातक होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं बल्कि यह पीडीपी और राज्य के लिए बेहतर होगा, क्योंकि हम भाजपा की शर्त पर नहीं बल्कि अपने एजेंडे और अपनी शर्तों के आधार पर सरकार चलाएंगे। कौल ने कहा कि हमारा प्रो-पीपुल्स एजेंडा है। इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि यहां कुछ लोग कहते हैं कि हमें नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठजोड़ करना चाहिए। नेकां ने भी समर्थन का एलान किया है, लेकिन हम इस पर विचार नहीं कर रहे हैं। नेकां को बाहर रखने के लिए ही लोगों ने हमें वोट दिया है और उसके साथ सरकार बनाने का मतलब लोगों को धोखा देना है। नेकां किसी भी मुद्दे पर स्पष्टï नहीं है, वह सहूलियत और कुर्सी की सियासत को ज्यादा अहमियत देती है।

भाजपा के साथ गठबंधन के लिए बातचीत की पुष्टिï करते हुए कौल ने कहा कि हमारे वरिष्ठ नेता मुजफ्फर हुसैन बेग सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने पीडीपी की पांचों शर्तों से भाजपा नेताओं को अवगत करा दिया है। पीडीपी प्रवक्ता ने कहा कि हमने सेल्फ रूल के एजेंडे को बढ़ाने, अफस्पा को राज्य के शांत इलाकों से हटाने, अनुच्छेद 370 को उसके मूल रूप में मजबूत बनाने, राज्य के समग्र विकास और बाढ़ पीडितों के लिए उदार आर्थिक पैकेज और छह साल के लिए मुफ्ती मुहम्मद सईद को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि इन शर्तों पर अगर भाजपा सहमत होती है तो बात को आगे बढ़ाया जाएगा।

ये हैं पांच शर्तें

1. सेल्फ रूल के एजेंडे को बढ़ाना।

2. अफस्पा को राज्य के शांत इलाकों से हटाना।

3. अनुच्छेद 370 को उसके मूल रूप में मजबूत बनाना।

4. राज्य के समग्र विकास और बाढ़ पीडितों के लिए उदार आर्थिक पैकेज।

5. छह साल के लिए मुफ्ती मुहम्मद सईद को मुख्यमंत्री पद

पीडीपी खेल रही दिमागी खेल: उमर

जम्मू, जागरण ब्यूरो। कार्यवाहक मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार बनाने के लिए नेशनल कांफ्रेंस के समर्थन देने के मुद्दे पर पीडीपी दिमागी खेल खेलने में जुटी है।

शनिवार को लंदन रवाना हो रहे उमर ने शुक्रवार शाम को ट्वीट किया कि नेकां ने सरकार बनाने के लिए पीडीपी को समर्थन देने की मौखिक पेशकश की है, जिसे पीडीपी ने अब तक गंभीरता से नहीं लिया है। उमर ने पीडीपी पर आरोप लगाया कि पार्टी कोई ताना बाना बुन रही है और दिमागी खेल खेल रही है। बता दें कि उमर लंदन अपने माता-पिता फारूक व मौली अब्दुल्ला का ऑपरेशन के बाद हाल जानने जा रहे हैं।

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