Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली में सरकार बनाने की कवायद: भाजपा ने बंद नहीं किए दरवाजे

    By Edited By:
    Updated: Thu, 26 Jun 2014 09:17 AM (IST)

    कांग्रेस व आम आदमी पार्टी (आप) के हमले के बीच भाजपा ने दिल्ली में सरकार बनाने के लिए अपने दरवाजे बंद नहीं किए हैं। अभी भी मिशन सरकार पर गंभीरता से काम चल रहा है। इसके लिए विरोधी पार्टी के विधायकों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। मंगलवार को कांग्रेस के कुछ विधायकों के साथ भाजपा विधायक क

    नई दिल्ली, [संतोष कुमार सिंह]। कांग्रेस व आम आदमी पार्टी (आप) के हमले के बीच भाजपा ने दिल्ली में सरकार बनाने के लिए अपने दरवाजे बंद नहीं किए हैं। अभी भी मिशन सरकार पर गंभीरता से काम चल रहा है। इसके लिए विरोधी पार्टी के विधायकों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। मंगलवार को कांग्रेस के कुछ विधायकों के साथ भाजपा विधायक की इस मुद्दे पर बैठक भी हुई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भाजपा के नेताओं के परस्पर विरोधी बयानबाजी के बीच कांग्रेस व आप के आक्रामक तेवर देखकर ऐसा लग रहा है कि राजधानी एक बार फिर से चुनाव की ओर बढ़ रहा है, लेकिन पर्दे के पीछे अब भी शिद्दत के साथ सरकार बनाने की कोशिश चल रही है। यही कारण है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी अब तक दिल्ली में विधानसभा चुनाव कराने का संकेत नहीं दिया है।

    नेताओं का सिर्फ यह बयान आ रहा है कि जोड़-तोड़कर सरकार नहीं बनाएंगे। दरअसल पार्टी बाहर से समर्थन लेकर सरकार बनाने से बचना चाह रही है। इसलिए कोशिश यह हो रही है कि जिन विधायकों के समर्थन से सरकार बने, उन्हें भाजपा में शामिल कर लिया जाए और इस फार्मूले को सिरे चढ़ाने की कोशिश चल रही है। बताया जा रहा है कि भाजपा के कुछ विधायक अशोका रोड स्थित एक होटल से मिशन सरकार को सफल बनाने में लगे हुए हैं।

    इसी कड़ी में मंगलवार को भाजपा विधायक के साथ कांग्रेस के कुछ विधायकों की बैठक होने की भी सूचना है। इसमें सरकार बनाने के विकल्प और शर्तो पर चर्चा की गई। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बगैर वरिष्ठ नेताओं का इशारे मिले कोई विधायक इस तरह की कोशिश नहीं करेगा। इसलिए संभव है कि दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर राजधानी में एक बार फिर से सियासी तापमान बढ़े।

    ज्यादातर विधायक नहीं चाहते चुनाव

    ज्ञात हो कि भाजपा सहित कांग्रेस तथा आप के कई विधायक अभी चुनाव नहीं चाहते हैं। इसलिए भाजपा विधायक प्रोफेसर जगदीश मुखी व बदरपुर के विधायक रामवीर सिंह बिधूड़ी सहित कई विधायक चुनाव नहीं चाहने वाले कांग्रेस व आप के विधायकों के सहयोग से सरकार बनाने की कोशिश में लगे हैं।

    34 विधायकों का समर्थन जरूरी

    भाजपा का इसमें ज्यादा ध्यान कांग्रेस के विधायकों पर हैं, क्योंकि कांग्रेस के आठ विधायक हैं। दल-बदल कानून से बचने के लिए इनमें से छह विधायकों का साथ चाहिए। वहीं इस कानून से बचने के लिए आप के 27 में से 18 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। भाजपा के तीन विधायकों के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस समय विधानसभा में कुल 67 विधायक हैं। इस स्थिति में सरकार बनाने के लिए 34 विधायकों का समर्थन जरूरी है।

    पढ़ें: महंगाई के बहाने मोदी सरकार पर केजरीवाल ने साधा निशाना