Move to Jagran APP

दिल्ली में सरकार बनाने या दोबारा चुनाव में जाने को तैयार भाजपा

देश की राजधानी दिल्ली की राजनीतिक पहेली लगातार उलझती जा रही है। कांग्रेस के तमाम आठ विधायकों की परेड हो जाने के बाद ऐसे कहा गया कि अब भाजपा की अगुवाई में सरकार बनाए जाने की संभावनाएं बेहद कम रह गई हैं। लेकिन रविवार सुबह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय की केंद्रीय

By Edited By: Published: Mon, 21 Jul 2014 01:57 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jul 2014 03:18 AM (IST)

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली की राजनीतिक पहेली लगातार उलझती जा रही है। कांग्रेस के तमाम आठ विधायकों की परेड हो जाने के बाद ऐसे कहा गया कि अब भाजपा की अगुवाई में सरकार बनाए जाने की संभावनाएं बेहद कम रह गई हैं। लेकिन रविवार सुबह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय की केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद दिल्ली में भाजपा द्वारा सरकार बनाए जाने की अटकलें नए सिरे से शुरू हो गई।

loksabha election banner

इस बीच आप ने आरोप लगाया है कि भाजपा दिल्ली में दोबारा चुनाव कराने से भाग रही है और कांग्रेस इस मुद्दे पर खामोश है। दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय का कहना है कि पार्टी दिल्ली में दोबारा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि उपराज्यपाल उन्हें सरकार बनाने का न्यौता देते हैं तो इस पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि दोबारा चुनाव कराए जाते हैं तो निश्चित तौर पर भाजपा विजयी होगी और सरकार बनाने में कोई अड़चन नहीं आएगी।

सूत्रों की मानें तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने गृहमंत्री को जानकारी दी कि पार्टी के विधायक चुनाव के पक्ष में नहीं हैं। इस मुलाकात में उन्होंने सरकार बनाए जाने की संभावनाओं से भी सिंह को अवगत कराया।

इस बीच हाल में भाजपा में आए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता राम माधव ने उन खबरों का खंडन किया है जिनमें कहा गया है कि संघ ने भाजपा को दिल्ली में सरकार नहीं बनाने की सलाह दी है। राम माधव ने कहा कि उन्होंने संघ के आला नेताओं से इस बारे में बात की थी और उन्होंने इस प्रकार की खबरों को गलत करार दिया। उधर, गृहमंत्री से मिलने के बाद सतीश उपाध्याय ने कहा कि भाजपा सरकार बनाने या चुनाव में जाने, दोनों ही विकल्पों के लिए तैयार है। यदि उपराज्यपाल नजीब जंग ने पार्टी को सरकार गठन के लिए आमंत्रित किया तो वह सरकार बनाने पर विचार करेगी।

बता दें कि दिल्ली में सरकार बनाने की कोशिश अब से सवा-डेढ़ महीने पहले ही शुरू हो गई थी। कांग्रेस के आठ में से छह विधायक भाजपा विधायक रामवीर सिंह बिधूड़ी के संपर्क में थे। इनकी मुलाकात पार्टी के एक वरिष्ठ नेता से भी कराई गई थी। लेकिन भाजपा के दिल्ली के नेताओं के बीच मुख्यमंत्री बनने की अंदरूनी लड़ाई शुरू हो गई। परिणाम यह हुआ कि सवा महीने का अधिक समय बीतने का बाद यह तय नहीं हो पाया कि भाजपा विधायक दल का नेता कौन होगा।

बहरहाल, गेंद अब उपराज्यपाल के पाले में है। यदि उन्होंने विधानसभा को भंग करने की सिफारिश कर दी तो चुनाव का बिगुल बजना तय है। अब देखना यह है कि क्या वह ऐसा करने से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श करते हैं या नहीं।

पढ़ें: बिखर सकता है केजरीवाल का कुनबा, भाजपा के संपर्क में कई विधायक

भाजपा ने चुनाव आयोग से की आप की मान्यता खत्म करने की अपील

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष की घोषणा के बाद सरकार बनाने की हलचल तेज


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.