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    यूपी और उत्तराखंड में जीत के बाद कर्नाटक में 'कमल' खिलाने में जुटी भाजपा

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Tue, 14 Mar 2017 09:16 AM (IST)

    दक्षिण भारत में अपनी पकड़ और मजबूत करने के लिए भाजपा के रणनीतिकार कई मोर्चों पर काम कर रहे हैं। ...और पढ़ें

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    यूपी और उत्तराखंड में जीत के बाद कर्नाटक में 'कमल' खिलाने में जुटी भाजपा

     नई दिल्ली(जेएनएन)। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में शानदार जीत के बाद अब भाजपा कर्नाटक में कमल खिलाने की रणनीति बनाने में जुट गई है। कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने 11 मार्च को चुनाव परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद कहा था कि अब कर्नाटक से भी कांग्रेस का सफाया हो जाएगा। येदियुरप्पा ने बताया कि पहले पार्टी 224 सदस्यीय विधानसभा में 150 सीटों पर कब्जा करने की रणनीति पर काम कर रही थी। लेकिन अब हम 175 सीटों का लक्ष्य बनाकर अपनी तैयारी करेंगे। 

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    'कांग्रेस मुक्त करेंगे कर्नाटक'

    येदियुरप्पा ने कहा कि हमने 175 सीटों पर जीत दर्ज कर सकने वाले उम्मीदवारों की पहचान की है। उन्होंने बताया कि यूपी और उत्तराखंड में प्रचंड जीत से साफ हो गया है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज के चाणक्य हैं, वो अपने तरीके से कर्नाटक की सभी सीटों का आकलन कर रहे हैं। उम्मीदवारों के चयन में अंतिम फैसला वो खुद लेंगे। 

    'भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने की कोशिश'

    राजनीति के जानकारों का कहना है कि येदियुरप्पा और भाजपा के दूसरे नेता सत्ताधारी कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रहे हैं। ये बात अलग है कि अभी तक उन लोगों ने जनता के सामने कोई साक्ष्य नहीं पेश किया है। भाजपा के राज्य स्तर के नेताओं का मानना है कि सिद्धरमैया सरकार के भ्रष्टाचार के कारनामों को उजागिर कर कांग्रेस सरकार के खिलाफ जनमत बनाया जा सकता है। देश के दूसरे राज्यों में भ्रष्टाचार को अहम मुद्दा बनाकर पार्टी को जीत भी हासिल हुई है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी बार बार इस बात पर बल देते हैं कि कांग्रेस मुक्त भारत ही मुख्य मुद्दा होना चाहिए।

    'कांग्रेस के बागियों पर नजर'

    भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि कांग्रेस से जुड़े पूर्व दलित नेता वी श्रीनिवास प्रसाद और एस एम कृष्णा द्वारा पार्टी का दामन थामने के बाद कांग्रेस और कमजोर होगी। इसके अलावा पिछड़ी जातियों में लोकप्रिय रहे कर्नाटक के पूर्व सीएम एस बंगारप्पा के भाजपा में आने के बाद पार्टी और मजबूत हुई है। कर्नाटक के युवाओं में अपनी पैठ को मजबूत बनाने के लिए करीब एक लाख युवाओं को जोड़ने का फैसला किया गया है। 

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