गोवा में गोमांस की कमी से कांग्रेस-राकांपा नाराज
पणजी। गोमांस की कमी को लेकर गोवा सरकार पर चर्च के हमले के बाद कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी [राकांपा] ने भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विपक्ष का कहना है कि भाजपा ने अल्पसंख्यकों को सस्ता भोजन नहीं मिलने देने की साजिश रची है। राकांपा और कांग्रेस सदस्यों का दावा है कि सरकारी बूचड़खानों के
पणजी। गोमांस की कमी को लेकर गोवा सरकार पर चर्च के हमले के बाद कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी [राकांपा] ने भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विपक्ष का कहना है कि भाजपा ने अल्पसंख्यकों को सस्ता भोजन नहीं मिलने देने की साजिश रची है। राकांपा और कांग्रेस सदस्यों का दावा है कि सरकारी बूचड़खानों के खिलाफ बांबे हाई कोर्ट की गोवा पीठ में याचिका दायर करने वाला व्यक्ति भाजपा का कार्यकर्ता था। याचिका में सरकारी बूचड़खानों में अनियमितता का आरोप लगाया गया था। इसी के बाद गोवा में गोमांस की कमी शुरू हो गई।
राकांपा प्रवक्ता टी. डिमेलो ने दावा किया कि याची हनुमंत परब भाजपा कार्यकर्ता है और गोवंश रक्षा अभियान का प्रतिनिधि है। भाजपा ने ही परब को इसके लिए उकसाया था। करीब एक सप्ताह पहले ही याचिका में की गई शिकायतों के आधार पर हाई कोर्ट ने गोवा मीट कॉम्प्लेक्स के बूचड़खानों को अस्थायी तौर पर बंद कर अनियमितताओं की जांच के लिए समिति का गठन कर दिया था। समिति ने परब द्वारा लगाए गए अनियमितताओं के आरोपों को सही पाया। समिति का कहना है कि सरकारी बूचड़खाने अक्सर पड़ोसी राज्यों से कम उम्र वाले और बीमार पशु खरीद रहे हैं। इसके बाद हाई कोर्ट ने बूचड़खानों को कई सख्त शर्तो के साथ अनुमति दी।
कोर्ट ने बाहरी राज्यों से खरीदे गए पशुओं के साथ ही 12 वर्ष से कम आयु के गोजातीय पशुओं का मांस बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मांस कारोबारियों का कहना है कि इतने सख्त नियमों के साथ गोमांस खरीद पाना उनके लिए नामुमकिन हो गया है। ब्लैक मार्केट में रेड मीट की कीमत 300 रुपये की बढ़ोत्तरी के साथ 500 रुपये किलो पहुंच गई है। कांग्रेस प्रवक्ता आर. लॉरेंस ने कहा, 'याचिका दायर करने में भाजपा की साजिश का पता लगने से स्पष्ट है कि सत्तारूढ़ पार्टी खेल कर रही है।'
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