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    समाजवादी संग्राम: रामगोपाल यादव बोले- जहां अखिलेश वहां विजय

    By Sachin BajpaiEdited By:
    Updated: Sun, 23 Oct 2016 08:49 AM (IST)

    मुख्यमंत्री ने अब तक अपने पत्ते बंद रखे हैं, मगर वह इस दौरान जिस 'तुरुप का इक्का' की बात करते हैं, उसका रहस्योद्घाटन करने का निर्णय ले लें तो हैरत नहीं होगी।

    लखनऊ (जेएनएन)। सपा में सियासी संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने सपा कार्यकर्ताओं के नाम पर एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें कहा गया है, "अखिलेश का विरोध करने वाले विधानसभा का मुंह नहीं देख पाएंगे, जहां अखिलेश वहां विजय। रथयात्रा विरोधियों के गले की फांस है। इस फांस को और तेज करने की जरूरत है।"

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    आपको बता दें कि आज का दिन समाजवादी पार्टी के लिए अति महत्वपूर्ण हो सकता है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने सरकारी आवास पर विधान परिषद व विधान सभा के सदस्यों के साथ पार्टी में चल रहे संग्राम पर राय-सलाह करेंगे। मुख्यमंत्री ने अब तक अपने पत्ते बंद रखे हैं, मगर वह इस दौरान जिस 'तुरुप का इक्का' की बात करते हैं, उसका रहस्योद्घाटन करने का निर्णय ले लें तो हैरत नहीं होगी।

    परिवार में चल रहे महासंग्राम के दौर में समाजवादी पार्टी ने पांच नवंबर को पार्टी का रजत जयंती समारोह मनाने का फैसला लिया है। सपा मुखिया मुलायम सिंह ने 24 अक्टूबर को विधायकों, सांसदों, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसद, प्रत्याशियों समेत आठ सौ लोगों की बैठक बुलाने का फैसला लिया तो मुख्यमंत्री ने तीन नवंबर से विकास से विजय की ओर समाजवादी यात्रा का एलान कर दिया। फिर 23 अक्टबूर को विधान मंडल के दोनों सदनों के अधिकतर सदस्यों को आमंत्रित किया है।

    मुलायम सिंह को पत्र लिखने वाले एमएलसी उदयवीर पार्टी से बाहर

    सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में अखिलेश यादव विधायकों की समस्याएं जानने, सियासी परिस्थितियों को जानने के साथ परिवार में चल रहे संग्राम पर उनकी राय लेने के बाद कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। दूसरी ओर शनिवार को मुख्यमंत्री सुबह से शाम तक विधायकों, पार्टी कार्यकर्ताओं, युवा ब्रिगेड के सदस्यों से मुलाकात की और उनसे सियासी रणनीति पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने ज्यादातर लोगों को तीन नवंबर की रथ यात्रा की तैयारी का संदेश दिया।

    शिवपाल को नहीं बुलाया

    मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को होने वाली विधायकों की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष व विधायक शिवपाल यादव समेत तकरीबन तीन दर्जन विधायकों व कई मंत्रियों को आमंत्रित नहीं किया है। जिन्हें आमंत्रित नहीं किया गया है, उन्हें शिवपाल यादव का करीबी माना जाता है।

    अखिलेश का बदली सियासी चुनौतियों के लिए तैयार रहने का संकेत