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    निगाहें विरोधियों पर और निशाना अपनों पर

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    Updated: Mon, 26 Aug 2013 11:51 AM (IST)

    कोसी परिक्रमा को लेकर विरोधियों पर निशाना साधते-साधते खुद अपनी ही पार्टी को भी असहज कर दिया। उन्होंने अयोध्या के ताजा परिक्रमा विवाद को सपा-भाजपा की मिलीभगत करार दिया, लेकिन यह कहने से भी नहीं चूके कि इस मामले में उनकी पार्टी के नेता भी गोलमोल बयान दे रहे हैं और इसीलिए उन्हें खुद आगे आना पड़ा है।

    लखनऊ [जागरण ब्यूरो]। केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने 84 कोसी परिक्रमा को लेकर विरोधियों पर निशाना साधते-साधते खुद अपनी ही पार्टी को भी असहज कर दिया। उन्होंने अयोध्या के ताजा परिक्रमा विवाद को सपा-भाजपा की मिलीभगत करार दिया, लेकिन यह कहने से भी नहीं चूके कि इस मामले में उनकी पार्टी के नेता भी गोलमोल बयान दे रहे हैं और इसीलिए उन्हें खुद आगे आना पड़ा है।

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    रविवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में केंद्रीय इस्पात मंत्री ने कहा कि अगर सपा सरकार चाहती तो वारंट निकाल कर विहिप नेता अशोक सिंहल को दिल्ली में ही गिरफ्तार करा सकती थी। आखिर उन्हें लखनऊ पहुंचने ही क्यों दिया गया। प्रवीण तोगड़िया के अयोध्या पहुंचने पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए। बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा कि सपा की हमेशा से भाजपा से मिलीभगत रही है और मुलायम सिंह यादव ने विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व वाले जनता दल और कांग्रेस को कमजोर करने के लिए साजिश रची। उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह में कई अच्छाइयां हैं, लेकिन उन पर मस्जिद का ठप्पा लग चुका है इसलिए वह कहीं और जा नहीं सकते। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि उन्हे लगता है कि सपा-भाजपा की मिली भगत है और रीता बहुगुणा जोशी तो कुछ बोल ही नहीं रहीं। कांग्रेस ही कांग्रेस को हराती रही है। वर्मा ने दावा किया कि कांग्रेस प्रदेश में 50 से ज्यादा लोकसभा सीटें जीतेगी, लेकिन जब उनका ध्यान मधुसूदन मिस्त्री के उस वक्तव्य की ओर आकर्षित किया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की सीटें बढ़ेंगी तो, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मिस्त्री ईमानदार आदमी हैं लेकिन उन्हें यूपी का ज्ञान ही नहीं है।

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