नेत्रदान के लिए आगे आए भिखारी
मैंने अपने पूरे जीवन में भीख मांगने के अलावा कुछ नहीं किया। मैंने समाज से हमेशा ही मांगा है, बदले में कुछ दिया नहीं। लेकिन नेत्रदान का फार्म भरने के बाद मुझे लग रहा है कि मैं भी समाज को कुछ दे रहा हूं। अब मैं संतुष्ट हूं। यह कहना है 60 वर्षीय सुधीर शिंदे (परिवर्तित नाम) का।
मुंबई [प्रियंका देशपांडे]। मैंने अपने पूरे जीवन में भीख मांगने के अलावा कुछ नहीं किया। मैंने समाज से हमेशा ही मांगा है, बदले में कुछ दिया नहीं। लेकिन नेत्रदान का फार्म भरने के बाद मुझे लग रहा है कि मैं भी समाज को कुछ दे रहा हूं। अब मैं संतुष्ट हूं। यह कहना है 60 वर्षीय सुधीर शिंदे (परिवर्तित नाम) का। नेत्रहीन लड़की का करीब 20 मिनट का वीडियो देखकर प्रभावित हुए सुधीर शिंदे जैसे यहां 75 से ज्यादा भिखारी नेत्रदान के लिए आगे आए हैं।
जिला समाज कल्याण विभाग ने इस वंचित तबके के लोगों को नेत्रदान के लिए जागरूक करने के संबंध में एक कैंप का आयोजन किया था। लेकिन विभाग के अधिकारी हैरान रह गए जब 75 से ज्यादा भिखारियों ने मृत्यु के पश्चात अपनी आंखें दान करने के लिए उनसे संपर्क साधा। जिला सामाजिक कल्याण अधिकारी संजय कदम ने कहा कि हमें उनसे इस तरह के उत्साह की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि नेत्रदान के लिए जहां शिक्षित लोगों को आश्वस्त करना मुश्किल होता है। वहीं, अशिक्षित और वंचित तबके के लोगों में ऐसा उत्साह आश्चर्यजनक है। वे इस बारे में बहुत इच्छुक थे और जानना चाहते थे कि मोतियाबिंद जैसी बीमारी के बावजूद क्या वे नेत्रदान कर सकते हैं।
(मिड-डे)
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