योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक गुरु थे अवेद्यनाथ
गोरक्षपीठ पर गुरु गोरखनाथजी के प्रतिनिधि के रूप में सम्मानित संत को महंत की उपाधि से अलंकृत किया जाता है। वर्तमान समय में महंत श्री अवेद्यनाथ जी महाराज गोरक्ष पीठाधीश्वर के पद पर आसीन थे। इस मंदिर के प्रथम महंत वरद्नाथजी महाराज रहे हैं जो गुरु गोरखनाथ जी के शिष्य थे।
गोरखपुर। गोरक्षपीठ पर गुरु गोरखनाथजी के प्रतिनिधि के रूप में सम्मानित संत को महंत की उपाधि से अलंकृत किया जाता है। वर्तमान समय में महंत श्री अवेद्यनाथ जी महाराज गोरक्ष पीठाधीश्वर के पद पर आसीन थे। इस मंदिर के प्रथम महंत वरद्नाथजी महाराज रहे हैं जो गुरु गोरखनाथ जी के शिष्य थे।
महंत अवेद्यनाथ ने गोरखपुर के वर्तमान सांसद योगी आदित्यनाथ को गोरक्षपीठ का न सिर्फ उत्तराधिकारी बनाया बल्कि उन्होंने योगी आदित्यनाथ को 1998 में सबसे कम उम्र का सांसद बनने का गौरव प्रदान किया। बाद में योगी आदित्यनाथ ने हिन्दू युवा वाहिनी का गठन किया जो हिन्दू युवाओं को धार्मिक बनाने के लिए प्रेरणा देती है।
महंत अवेद्यनाथ का जन्म 28 मई 1921 में हुआ था। वह भारत के राजनेता तथा गुरु गोरखनाथ मंदिर के पीठेश्वर थे। वे गोरखपुर लोकसभा से चौथी लोकसभा के लिए हिंदू महासभा से सर्वप्रथम निर्वाचित हुए थे। इसके बाद नौवीं, दसवीं तथा ग्यारहवीं लोकसभा के लिए चुने गए।
-जन्म-18 मई 1919। (हालांकि कहा जाता है कि दस्तावेजों में उनकी आयु दो साल कम दर्ज हुई थी)
- जन्मस्थान-ग्राम कांडी, जिला गढ़वाल, उत्तरांचल।
- संसदीय जीवन-1970, 1989, 1991 और 1996 में संसदीय सीट गोरखपुर का प्रतिनिधित्व।
- विधानसभा में-1962, 1967, 1974 और 1977 में उत्तर प्रदेश विधानसभा में मानीराम सीट का प्रतिनिधित्व किया।
-श्रीराम जन्म भूमि मुक्ति यज्ञ समिति के अध्यक्ष रहे।
-श्रीराम जन्म भूमि उच्चाधिकार समिति के अलावा गोरक्षपीठ से जुड़ी चिकित्सा, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र की तीन दर्जन संस्थाओं के प्रमुख थे।