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    दिल्ली में टैक्सी और ऑटो वालों ने हड़ताल वापस ली

    By Abhishek Pratap SinghEdited By:
    Updated: Sun, 17 Apr 2016 09:20 PM (IST)

    सोमवार से दिल्ली में होने वाली टैक्सी और ऑटो की हड़ताल को वापस ले लिया गया है। इस मामले में दिल्ली सरकार ने यूनियन के लोगों के साथ बातचीत कर मामले को सुलझा लिया है।

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    नई दिल्ली। दिल्ली में सोमवार से होने वाली ऑटो और टैक्सी हड़ताल को अब वापस ले लिया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली सरकार ने ऑटो यूनियन के लोगों के साथ बैठक कर इस विवाद को खत्म कर दिया है।

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    इससे पहले दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर सम-विषम योजना को असफल बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए इस मामले में उपराज्यपाल (एलजी) नजीब जंग से दखल देने का आग्रह किया था।

    दिल्ली सरकार ने जंग से आग्रह किया कि वह दिल्ली पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए कहें कि सोमवार को होने वाली हड़ताल में उन ऑटो-टैक्सी चालकों को सुरक्षा प्रदान की जाए जो हड़ताल से अलग रहते हुए अपने वाहन चलाना चाहते हैं।

    दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने जंग को भेजे एक पत्र में लिखा, “बीते दो दिनों में मैं ऐसे कई ऑटो-टैक्सी संगठनों के प्रतिनिधियों से मिला हूं जो भाजपा-संघ प्रायोजित इस हड़ताल में हिस्सा नहीं लेना चाहते। लेकिन, उन्होंने हड़ताल से अलग रहने की स्थिति में हिंसा और तोड़फोड़ की आशंका जताई है।”

    भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) से संबद्ध दिल्ली की ऑटोरिक्शा और टैक्सी यूनियन ने शुक्रवार को ऐलान किया था कि वह अपनी मांगों के समर्थन में सोमवार को हड़ताल करेगी। यूनियन की मांग है कि ओला और उबेर जैसे टैक्सी संचालकों पर दिल्ली सरकार के किराए के नियम लागू हों।

    राय ने कहा कि सोमवार की हड़ताल से अलग रहने वाली यूनियनों ने यह भी कहा है कि यह आंदोलन उनके हित में नहीं है। राय ने पत्र में उप राज्यपाल से आग्रह किया कि वह दिल्ली पुलिस को आदेश दें कि वह ऑटो-टैक्सी चालकों को सुरक्षा देने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करे और सम-विषम योजना में किसी अवांछित घटना को होने से रोके।

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को आरोप लगाया था कि भाजपा-संघ उनकी सरकार की सम-विषम योजना को असफल बनाने के प्रयास में हैं। केजरीवाल ने कहा कि इन्होंने जनवरी में योजना के प्रथम चरण को भी अफसरों की हड़ताल के जरिए नाकाम बनाने की कोशिश की थी।