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    तमिलनाडु: AG की राज्यपाल को एक हफ्ते में शक्ति परीक्षण कराने की सलाह

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Mon, 13 Feb 2017 10:08 PM (IST)

    सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल विद्यासागर राव ने इस संदर्भ में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से सलाह मांगी थी। ...और पढ़ें

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    तमिलनाडु: AG की राज्यपाल को एक हफ्ते में शक्ति परीक्षण कराने की सलाह

    नई दिल्ली, प्रेट्र। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने तमिलनाडु के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव को एक हफ्ते के भीतर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सदन में शक्ति परीक्षण कराने की सलाह दी है। इसी से पता चल सकेगा कि राज्य के दोनों अन्नाद्रमुक नेताओं ओ. पन्नीरसेल्वम और वीके शशिकला में से बहुमत किसके साथ है।

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    सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल विद्यासागर राव ने इस संदर्भ में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से सलाह मांगी थी। रोहतगी ने अपनी राय के समर्थन में जगदम्बिका पाल मामले में 1998 में सुनाए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया है। इस मामले में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के दो दावेदारों जगदम्बिका पाल और कल्याण सिंह में से बहुमत किसके साथ है, यह तय करने के लिए सर्वोच्च अदालत ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिया था।

    शशिकला बोलीं, हमने हजारों पन्नीरसेल्वम देखे हैं

    चेन्नई, प्रेट्र। ओ. पन्नीरसेल्वम से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा मांगने पर अन्नाद्रमुक की महासचिव वीके शशिकला ने सोमवार को सफाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने धुरविरोधी दल द्रमुक से हाथ मिला लिया था। उन्होंने यह भी कहा, 'इस स्तर तक पहुंचने से पहले हमने हजारों पन्नीरसेल्वम देखें हैं और संघर्ष मेरे हाथ की धूल बराबर है और मैं कतई चिंतित नहीं हूं।' हालांकि, सोमवार को भी उन्होंने तीसरी बार रिसॉर्ट जाकर अपने विधायकों से मुलाकात की।

    दिवंगत जयललिता के पोज गार्डन आवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शशिकला ने कहा, 'मैंने उन्हें अनुमति दी होती क्योंकि मुख्यमंत्री बनने की मेरी कोई आकांक्षा नहीं थी और यही सच्चाई है।' पांच फरवरी को व्यक्तिगत कारणों से पन्नीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए इस पद के लिए शशिकला के नाम का प्रस्ताव किया था। लेकिन, दो दिन बाद ही उन्होंने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह का स्वर बुलंद करते हुए कहा था कि उन्हें पार्टी अनुशासन के नाम पर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था।

    शशिकला ने सोमवार को कहा, 'उन्होंने (द्रमुक) सोचा कि अगर संभव हो तो पन्नीरसेल्वम को अलग होकर कुछ विधायक साथ लाने दो ताकि 89 विधायकों (द्रमुक) के साथ सरकार बनाई जा सके।' उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पिछले हफ्ते विधानसभा में द्रमुक के उप नेता दुरईमुरुगन की उस बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी उनका (पन्नीरसेल्वम) का समर्थन करेगी। दरअसल, दुरईमुरुगन ने अपने अंदाज और हल्के-फुल्के मूड में पन्नीरसेल्वम से कहा था, 'आप पांच साल तक मुख्यमंत्री बने रहो, हमारा समर्थन आपके साथ रहेगा।' शशिकला ने कहा कि चूंकि पन्नीरसेल्वम ने द्रमुक के समर्थन से इन्कार नहीं किया इसलिए उन्होंने समझा कि करुणानिधि के नेतृत्व वाली पार्टी उन्हें भड़का रही है। जबकि, पन्नीरसेल्वम को दुरईमुरुगन से कहना चाहिए था कि उन्हें उनके समर्थन की जरूरत नहीं है क्योंकि अन्नाद्रमुक के पास बहुमत है।

    किसका समर्थन करें, विधायक ने लोगों से मांगी राय

    नागापट्टीनम, प्रेट्र। अन्नाद्रमुक की गठबंधन सहयोगी मनिथनेया जननायक काची (एमजेके) के नागापट्टीनम से विधायक एम. थमीमम अंसारी ने अपने क्षेत्र के लोगों से राय मांगी है कि उन्हें किस धड़े (पन्नीरसेल्वम या शशिकला) का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने इसके लिए विधायक कार्यालय के बाहर बक्से भी रखवाए हैं।

    सुप्रीम कोर्ट आज सुना सकता है फैसला

    आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को अपना फैसला सुना सकता है। इस मामले में दिवंगत जे. जयललिता, शशिकला और कई अन्य शामिल हैं। अगर यह फैसला शशिकला के खिलाफ गया तो उनका मुख्यमंत्री पद संभालना मुश्किल हो जाएगा।

    ...तो इसलिए जयललिता के निधन की रात सीएम नहीं बनीं शशिकला