असम में पुलिस स्टेशनों का किया जाएगा आधुनिकीकरण, इन सुविधाओं से होंगे लैस
पूर्वोत्तर राज्य में 51 पुलिस स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। असम पुलिस के इस प्रोजेक्ट का नाम मॉइत्री है जो राज्य के पुलिस विभाग मे बदलाव के लिए काम करेगी।
गुवाहाटी/नई दिल्ली (आइएएनएस)। असम में पुलिस स्टेशनों को आधुनिकीकरण किया जाएगा। इसके तहत महिला और बाल डेस्क, अपराध की तरफ बढ़ते युवाओं के लिए परामर्श व्यवस्था, प्राथमिकी दर्ज करने की आधुनिक व्यवस्था, पुलिस गश्ती वाहनों का अपग्रेडेशन शामिल है। असम पुलिस के इस प्रोजेक्ट का नाम मॉइत्री है जो राज्य के पुलिस विभाग मे बदलाव के लिए काम करेगी। अधिकारियों के मुताबिक, पूर्वोत्तर राज्य में 51 पुलिस स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। शिकायतकर्ताओं की परेशानी दूर करने के लिए पुलिस विभाग को सॉफ्ट स्किल का प्रशिक्षण दिया जाएगा इसके लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किये जायेंगे।परियोजना के तहत आने वाले पांच वर्षों में हम 51 पुलिस स्टेशनों का एक पूर्ण बदलाव देखेंगे।
असम पुलिस के महानिदेशक मुकेश सहाय ने बताया, यह आम जनता के लिए वरदान साबित होगा। परियोजना मॉइत्री का उद्देश्य है नागरिकों के साथ उचित न्याय। 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी ने कहा कि जिन पुलिस स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जाएगा, उन जिलों का नाम फाइनल किया जा चुका है। जिसमें कुछ संवेदनशील जिले चैराडियो, तिनसुकिया, उदलगुड़ी, बक्सा, सोनितपुर और बिसननाथ हैं। इन क्षेत्रों में एक से अधिक पुलिस स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। पुलिस स्टेशनों को उचित इंटरनेट कनेक्टिविटी से लैस किया जाएगा, जो राज्य गृह विभाग के नवीनतम रिकॉर्ड के अनुसार, एफआईआर दर्ज करने में मदद करेगा।
असम में सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के तहत पंजीकृत साइबर मामले 2013 में 154 से बढ़कर 2014 में 379 तक पहुंच गया, जिसमें 146.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। पिछले एक साल में भी आतंकवादी हमलों में भी तेजी आई है जिसमें असम के आदिवासी युवाओं की संख्या बढ़ी है। इस परियोजना को 91.53 करोड़ रुपये का अनुमोदन प्राप्त हुआ है, जिसके पहले चरण के लिए 20 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
असम पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एल.आर. बिश्नोई ने कहा कि इस परियोजना पर काम शुरू करने से पहले मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में अंतिम बैठक आयोजित की जाएगी। बिश्नोई उच्च संवेदनशील जिले बोडो में इंस्पेक्टर जनरल के रूप में सेवा दे चुके हैं। बिश्नोई ने कहा, इस परियोजना से लोगों के बीच पुलिस को लेकर नकारात्मक धारणा बदलने में मदद मिलेगी।
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