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बांग्लादेशियों को वापस नहीं भेज सकते : गोगाई

असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा है बांग्लादेशियों को वह राज्य से बाहर नहीं निकाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से आए शरणार्थियों की पहचान करना उनका काम जरूर है, लेकिन बांग्लादेशियों को राज्य से बाहर करने का काम उनका नहीं है। उन्होंने इस मुद्दे पर गेंद केंद्र के पाले में फेंक दी है। उन्होंने कहा कि यह काम केंद्र सरकार का है।

By Edited By: Published: Wed, 05 Sep 2012 11:37 AM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2012 02:32 AM (IST)
बांग्लादेशियों को वापस नहीं भेज सकते : गोगाई

गुवाहटी। असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा है बांग्लादेशियों को वह राज्य से बाहर नहीं निकाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से आए शरणार्थियों की पहचान करना उनका काम जरूर है, लेकिन बांग्लादेशियों को राज्य से बाहर करने का काम उनका नहीं है। उन्होंने इस मुद्दे पर गेंद केंद्र के पाले में फेंक दी है। उन्होंने कहा कि यह काम केंद्र सरकार का है।

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असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा है कि वह अपनी जमीन पर बांग्लादेशी प्रवासियों को जगह नहीं देगा। लेकिन उन्हें यहां से निकालने के लिए केंद्र को बांग्लादेश सरकार से बात करनी होगी। गोगोई ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकना अकेले असम नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा की राज्य की बांग्लादेश से लगी सीमा पर बाड़ लगाने का काम काफी हद तक पूरा हो गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक बार यह पूरा हो जाए तो उससे घुसपैठ पर लगाम लगाने में मदद मिल सकेगी।

गोगाई ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या से असम ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम और मेघालय भी दो-चार हो रहे हैं। उन्होंने भाजपा के उस आरोप का भी खंडन किया है, जिसमें भाजपा ने कहा था कि पिछले बारह वर्षो में राज्य में बांग्लादेशियों की तादाद बेतहाशा बढ़ी है। गोगाई ने यह तो माना की बांग्लादेशियों की राज्य में तादाद बढ़ी है, लेकिन उन्होंने कहा कि यह तादाद इतनी नहीं है जितनी भाजपा बता रही है। उनके मुताबिक राज्य में केवल 2.37 लाख अवैध प्रवासी हैं, जबकि कोई इन्हें तीस लाख तो काई पचास लाख तक बता रहा है। उन्होंने कहा की राज्य में हुई जातीय हिंसा का समाधान विकास की राह पर ही आगे चलकर किया जा सकता है।

गौरतलब है कि ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन और भारत सरकार के बीच हुए समझौते के मुताबिक 25 मार्च 1971 के बाद असम में विदेश से आ कर बसने वाले सभी लोगों को उनके देश वापस भेजा जाएगा। यह यूनियन काफी समय से बांग्लादेश से निकालने को संघर्ष कर रही है।

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