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गिर अभयारण्य में एशियाई शावकों की आबादी बढ़ी

गुजरात के गिर वन्यजीव अभयारण्य की सैर करने जाने वालो को अब ज्यादा संख्या मे शावक उछल-कूद करते नजर आएंगे। क्योंकि यहां शावकों की पैदाइश बढ़ गई है।

By Edited By: Published: Thu, 15 Oct 2015 06:09 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2015 04:08 AM (IST)

वडोदरा। गुजरात के गिर वन्यजीव अभयारण्य की सैर करने जाने वालों को अब ज्यादा संख्या मे शावक उछल-कूद करते नजर आएंगे। क्योंकि यहां शावकों की पैदाइश बढ़ गई है।

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राष्ट्रीय उद्यान चार माह बद रहने के बाद शुक्रवार से खुल रहा है। उद्यान के अधिकारियों को इस बार अधिक पर्यटकों के आने की उम्मीद है। गिर राष्ट्रीय उद्यान के उप वन संरक्षक संदीप कुमार ने गुरुवार को कहा कि अभयारण्य के चार माह बंद रहने के दौरान हमने यहां करीब 100 एशियाई शावकों को देखा है, जिससे विदेशियों समेत ज्यादा पर्यटकों के आने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार है, जब वन अधिकारियों ने शावकों की संख्या मे इतनी अधिक वृद्धि देखी है। गिर अभयारण्य एशियाई शेरों का एकमात्र निवास स्थल है।

इसे एशिया मे सबसे महत्वपूर्ण सरक्षित क्षेत्रो मे एक माना जाता है। यह मानसून के समय अनिवार्य रूप से चार माह के लिए बद रहता है। उन्होने बताया कि वन्यजीव अभयारण्य में इस वर्ष मई में शेरों की गणना की गई थी। इनके अनुसार गिर जगल, जूनागढ़ के सुरक्षित व राजस्व क्षेत्रों और सौराष्ट्र क्षेत्र के गिर सोमनाथ, अमरेली और भावनगर जिलों में 523 एशियाई शेर पाए गए। इससे पता चला कि 2010 की तुलना मे शेरो की सख्या मे 112 की वृद्धि हुई। साल 2010 मे की गणना मे 411 शेर पाए गए थे।

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