आतंक के केंद्र हैं रामपाल जैसे बाबाओं के आश्रम
साधु-संतों के करीब माने वाली भाजपा में रामपाल जैसे बाबा के आश्रमों पर तीखा हमला बोला है। भाजपा के मुखपत्र 'कमल संदेश' में ऐसे आश्रमों को 'आतंक का केंद्र' बताया गया है। रामपाल को संरक्षण देने के लिए हरियाणा की हुड्डा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा गया है कि
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। साधु-संतों के करीब माने वाली भाजपा में रामपाल जैसे बाबा के आश्रमों पर तीखा हमला बोला है। भाजपा के मुखपत्र 'कमल संदेश' में ऐसे आश्रमों को 'आतंक का केंद्र' बताया गया है। रामपाल को संरक्षण देने के लिए हरियाणा की हुड्डा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा गया है कि ऐसे आश्रमों पर शुरुआत में ही रोक लग जानी चाहिए थी। संपादकीय में रामपाल की गिरफ्तारी के लिए नवनियुक्त मनोहर लाल खट्टर सरकार की प्रशंसा की गई है।
ध्यान देने की बात है कि भाजपा के उपाध्यक्ष और सांसद प्रभात
झा 'कमल संदेश' के संपादक हैं। वह पार्टी के दिल्ली प्रदेश के भी प्रभारी हैं, जहां अगले कुछ महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में कमल संदेश में रामपाल जैसे बाबाओं को निशाना बनाकर भाजपा अपनी छवि सुधारने की कोशिश भी कर रही है। हैरानी की बात यह है कि पत्रिका के संपादकीय में सिर्फ रामपाल को निशाना बनाया गया है। पिछले एक साल से जेल में बंद आसाराम और मौत के बाद भी फ्रिज में रखे आशुतोष महाराज के शव के बारे में कुछ नहीं लिखा गया है।
संपादकीय में रामपाल जैसे बाबाओं के आश्रम को पनाह देने के लिए भूपिंदर सिंह हुड्डा सरकार को आड़े हाथों लिया गया है। पत्रिका के अनुसार, 'जूनियर इंजीनियर से बाबा बने रामपाल का आश्रम, असलाघर में बदलता चला गया और कांग्रेस की सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही।' भाजपा के अनुसार रामपाल ने आश्रम के बाहर और भीतर जो हालात पैदा कर दिए थे, उससे तो वहां मौत का तांडव ही होता।
'कानून से ऊपर कोई नहीं' शीर्षक वाले इस संपादकीय में 'आस्था के नाम पर आतंक का केंद्र बन चुके' ऐसे आश्रमों की गहन जांच की मांग की गई है। रामपाल के आश्रम में आस्था के नाम पर जो कुछ हो रहा था, उसे घोर पाप कहा गया है। इसके अनुसार, ऐसे आश्रम समाज के गरीब और निचले तबके के लोगों के शोषण के केंद्र बन गए हैं।