Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूर्व सैन्‍य अधिकारियों की अपील, पाकिस्‍तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए सरकार

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Mon, 19 Sep 2016 10:37 AM (IST)

    उड़ी हमले के बाद सरकार पर काफी दबाव है। लिहाजा सरकार इस बार पाकिस्‍तान को कड़ा संदेश देने पर विचार कर सकती है। यह संदेश सैन्‍य कार्रवाई के तौर पर भी दिया जा सकता है।

    नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में स्थित 12वीं ब्रिगेड के आर्मी हैडक्वार्टर पर हुए आतंकी हमले से सेना में काफी गुस्सा है। रह-रहकर आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने की बातें सामने आ रही हैं। मीडिया में छिड़ी बहस के दौरान पूर्व सैन्य अधिकारियों ने भी पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त अभियान चलाकर पीओके में मौजूद सभी आतंकी ठिकानों को नष्ट करने की अपील सरकार से की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इनका मानना है कि महज बातें करने से पाकिस्तान सुधरने वाला देश नहीं है, लिहाजा उसे उसकी ही भाषा में जवाब दिया जाना चाहिए। इस हमले के बाद भारत सरकार पर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रूख करने का कड़ा दबाव दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि इस हमले के बाद सेना अब पाकिस्तान से लगती 778 किलोमीटर लंबी एलओसी सीमा पर अपना रुख कड़ा करने की तैयारी में दिखाई दे रही है।

    इस मुद्दे पर मीडिया में चली बहस में यह बात साफतौर पर निकलकर आई है कि भारतीय सुरक्षा बलों का एक बड़ा वर्ग चाहता है कि सरकार सीमा पार हमलों पर भी विचार करे। सुरक्षा बलों का मानना है कि सरकार को पाकिस्तानी सीमा के भीतर सीमित, लेकिन कड़े हमले करने की अनुमति देने पर विचार करना चाहिए। इस बहस के दौरान यह भी निकलकर आई है कि सरकार को सीमा पार जाकर आतंकियों के ठिकाने और उन्हें मदद कर रही पाक सेना के ठिकानों को भी निशाना बनाने की इजाजत सेना को देनी चाहिए। इसके पीछे की वजह बेहद साफ है। पाकिस्तान सेना आतंकियों की हर सभंव मदद करती है। फिर चाहे वह उन्हें हथियार मुहैया करवाने की बात हो या उन्हें सीमा पार कराने की बात, या फिर उन्हें प्रशिक्षण देने की कोई बात।

    वहीं सरकार की ओर से इस बारे में विचार किया जा सकता है कि क्या सेना को पाकिस्तान की सीमा के भीतर आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर हमले करने चाहिए। यदि ऐसा होता है तो एलओसी पर तैनात सेना और पश्चिमी फ्रंट पर एयर फोर्स के एयरबेस को अलर्ट पर रखा जाएगा ताकि किसी भी आकस्मिक हमले का तत्काल और कड़ा जवाब दिया जा सके।

    इन ऑपशंस पर सरकार कर सकती है विचार

    - बिना एलओसी पार किए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया जा सकता है।

    - भारतीय सीमा में रहकर पाकिस्तान सेना के ठिकानों को निशाना बनाया जा सकता है।

    - सेना को पाकिस्तान के ठिकानों पर हथियार भंडारों, चौकियों को निशाना बनाने के लिए भारी मोर्टार दागने की इजाजत दी जा सकती है।

    उड़ी हमले पर राजनाथ सिंह ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग, रणनीति पर होगी चर्चा

    - एलओसी पर सेना तोपों की तैनाती और अन्य ऑपरेशंस को मंजूरी देने की मांग कर सकती है।

    - पाकिस्तानी रेड लाइन को पार करने का भी विकल्प भी खुला है।

    - इंफेंट्री यूनिट्स द्वारा ट्रांस-बॉर्डर ऑपरेशन चलाने पर भी विचार किया जा सकता है।

    - पाक सेना के ठिकानों समेत आतंकियों केे ठिकानों को तबाह करने के लिए 90 किलोमीटर तक मार करने वाले स्मर्च रॉकेट्स का प्रयोग करने पर विचार हो सकता है।

    - ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल करने पर भी विचार किया जा सकता है। यह मिसाइल है 290 किलोमीटर तक मार कर सकती है।

    उड़ी हमले से जुड़ी सभी खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें