सेना प्रमुख का आदेश, उखाड़ फेंको बोडो आतंकवाद
सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने शनिवार को असम की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। सेना प्रमुख ने सैनिकों को असम में आतंकी गतिविधियों में लगे लोगों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चलाने और उन्हें उखाड़ फेंकने का निर्देश दिया।
गुवाहाटी। सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने शनिवार को असम की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। सेना प्रमुख ने सैनिकों को असम में आतंकी गतिविधियों में लगे लोगों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चलाने और उन्हें उखाड़ फेंकने का निर्देश दिया।
उन्होंने केंद्र तथा राज्य की खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने पर जोर दिया। उन्होंने संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।
बोडो आतंकियों के हमले के बाद सेना प्रमुख ने यह कदम उठाया है। इस बीच सुरक्षा बलों ने भूटान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ऑपरेशन तेज कर दिया है। सुहाग ने कहा कि वह इस क्षेत्र पर नजदीक से निगरानी रखेंगे। सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि सुहाग गुवाहाटी हवाई अड्डे से सीधे रंगिया के सैन्य अड्डे पर पहुंचे।
वहां उन्होंने सेना के शीर्ष कमांडरों के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। उन्हें सुरक्षा बलों के ऑपरेशन की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया गया। सेना प्रमुख को असम में सुरक्षा की स्थिति बेहतर बनाने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी गई। सेना प्रमुख ने अशांत क्षेत्रों में सेना की तैनाती की भी समीक्षा की।
बोडो आतंकियों के हमले के बाद कोकराझाड़, चिरांग, शोणितपुर और उदालगुड़ी जिले में करीब 70 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी-एस) द्वारा असम में 70 से अधिक आदिवासियों की हत्या से संबंधित मामलों की जांच अपने हाथ में लेने को कहा है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शोणितपुर और कोकराझाड़ जिलों में असम पुलिस द्वारा दर्ज चार मामलों की जांच एनआईए अपने हाथ में लेगी।
शरणार्थियों को ममता ने बताया मेहमान
असम के शरणार्थियों को मेहमान बताते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उनकी सरकार इन शरणार्थियों के साथ खड़ी रहेगी।
अलीपुरद्वार जिले में चांगमारी शरणार्थी शिविर में ममता ने कहा, "असम के शरणार्थी हमारे अपने लोग हैं। हम उनकी मानसिक स्थिति जानते हैं। वे परिस्थितियों के शिकार हैं, इसलिए हमें उनके साथ खड़ा होना चाहिए।"
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