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    'आप' नेता कर रहे थे टिकट की सौदेबाजी

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    Updated: Sat, 22 Mar 2014 08:24 AM (IST)

    भ्रष्टाचार से मुकाबले के नाम पर बनी आम आदमी पार्टी (आप) के नेता पार्टी का लोकसभा टिकट दिलाने में ही भ्रष्टाचार करते पाए जा रहे हैं। आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने इस संबंध में सुबूत सामने आने के बाद पार्टी की अवध प्रांत प्रमुख अरुणा सिंह व हरदोई जिला इकाई के पदाधिकारी अशोक कुमार को पार्टी से

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भ्रष्टाचार से मुकाबले के नाम पर बनी आम आदमी पार्टी (आप) के नेता पार्टी का लोकसभा टिकट दिलाने में ही भ्रष्टाचार करते पाए जा रहे हैं। आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने इस संबंध में सुबूत सामने आने के बाद पार्टी की अवध प्रांत प्रमुख अरुणा सिंह व हरदोई जिला इकाई के पदाधिकारी अशोक कुमार को पार्टी से निकाल दिया है।

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    पढ़ें: केजरीवाल ने की अस्थिर सरकार की भविष्यवाणी

    केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर मामले को सार्वजनिक किया। उन्होंने कहा-'हम अरुणा सिंह और अशोक कुमार को पार्टी से निकाल रहे हैं। उन्होंने कुछ लोगों को टिकट देने का भरोसा दिलाया था और पैसों के लेन-देन की बात कर रहे थे। हालांकि, पैसों का लेन-देन नहीं हुआ। लेकिन बात हुई।' साथ ही, उन्होंने कहा कि पार्टी टिकट के लिए आवेदन कर रहे सभी लोग इस बात का ध्यान रखें कि बाद में भी कभी किसी तरह के आरोप सही पाए जाएंगे तो पार्टी तत्काल उन पर कार्रवाई करेगी।

    पढ़ें: टिकट बंटवारे पर आप में मचा घमासान

    आप संयोजक ने लोगों से भी अपील की है कि भ्रष्टाचार की जानकारी वे पार्टी को तुरंत दें। यह मामला राजेश कुमार नाम के आप कार्यकर्ता पार्टी नेताओं के सामने लेकर आए। उन्होंने अरुणा सिंह के साथ बातचीत के ऑडियो टेप भी नेताओं को सौंपे। इसमें पार्टी की हरदोई इकाई के कोषाध्यक्ष अशोक कुमार को भी शामिल पाया गया है।

    हरियाणा में आप का झाडू़ छिना

    जितेंद्र अग्रवाल, अंबाला। हरियाणा में आम आदमी पार्टी (आप) को चुनाव चिन्ह झाड़ू नहीं मिल पाएगा। आप प्रत्याशियों को निर्दलीय प्रत्याशियों के लिए निर्धारित चुनाव चिह्न पर ही लड़ना होगा। इसका कारण यह है कि आम आदमी पार्टी हरियाणा में राज्य स्तरीय पंजीकृत पार्टियों में शामिल ही नहीं है। निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए प्रदेश में चुनाव आयोग द्वारा 87 चुनाव चिह्न की सूची जारी की गई है, जिनमें झाड़ू शामिल नहीं है।

    यदि कोई आजाद उम्मीदवार किसी अन्य चुनाव चिन्ह से चुनाव लड़ना चाहता है तो उसकी स्वीकृति चुनाव आयोग द्वारा दी जाएगी। ऐसे में यदि केंद्रीय चुनाव आयोग ने इस संबंध में कोई निर्देश नहीं दिए तो आप के लिए दिक्कत बढ़ेगी ही।