Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जानिए, NSG में भारत की दावेदारी पर चीन को क्यों है ऐतराज

    By Atul GuptaEdited By:
    Updated: Tue, 21 Jun 2016 02:54 PM (IST)

    चीन का कहना है कि अगर परमाणु अप्रसार संधि और एनएसजी की सदस्यता में भारत को छूट दी जाती है, तो ये पाकिस्तान को भी मिलनी चाहिए।

    Hero Image

    नई दिल्ली। चीन फिर एक बार एनएसजी के मुद्दे को लेकर भारत के साथ खेल खेल रहा है। मंगलवार को चीन के एक अखबार ने कहा कि इतिहास में पाकिस्तान सरकार ने कभी परमाणु प्रसार का समर्थन नहीं किया और ना ही वैज्ञानिक एक्यू खान को समर्थन दिया है इसलिए एनएसजी के मुद्दे पर जो छूट भारत को दी जाने की बात हो रही है वो पाकिस्तान को भी मिलनी चाहिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चीन में छपने वाले ग्लोबल टाइम्स ने अपनी खबर में कहा कि पाकिस्तान को उसके खराब रिकार्ड की वजह से एनएसजी ग्रुप में शामिल नहीं किया जा रहा जबकि न्यूक्लियर प्रसार कार्यक्रम में पाकिस्तान सरकार का कोई हाथ नहीं था बल्कि ये पाकिस्तान के चीफ न्यूक्लियर साइंटिस्ट अब्दुल कादिर खान द्वारा किया गया था।

    लेख में आगे लिखा गया है कि सरकार ने अब्दुल कादिर खान को उनकी इस हरकत के लिए कई सालों तक घर में कैद रखा। अब अगर परमाणु अप्रसार संधि और एनएसजी की सदस्यता में भारत को छूट दी जाती है तो ये पाकिस्तान को भी मिलनी चाहिए।

    ऐसा शायद पहली बार है जब चीन के आधिकारिक मीडिया ने पाकिस्तान को सीधे सीधे एनएसजी की सदस्यता के लिए नामांकित कर दिया है। आपको ये भी बता दें कि चीन भारत को एनएसजी में शामिल करने और पाकिस्तान को बाहर करने का विरोध करता रहा है।

    एनएसजी के मामले पर तल्खी बढ़ती देख चीन ने अपने इस फैसले पर सफाई दी है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयांग ने कहा कि चीन इस बात को समझता है कि भारत को परमाणु उर्जा सृजन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एनएसजी ग्रुप में इस बात को लेकर दो राय है कि क्या अप्रसार संधि में शामिल ना होने वाले देशों को एनएसजी की सदस्यता दी जाए या नहीं और इसलिए चीन इस बारे में ग्रुप के दूसरे सदस्यों से बात कर रहा है ताकि इस मुद्दे का व्यापक हल निकाला जा सके।

    उन्होंने ये भी कहा कि एनसएजी की मीटिंग में कभी भी अप्रसार संधि से ना जुड़े देशों को शामिल करने का एजेंडा कभी शामिल नहीं रहा और ना ही सियोल में होने वाली एनएसजी मीटिंग में इस बार ये मुद्दा चर्चा में होगा।

    हूं चुंगयांग ने कहा कि चीन एनएसजी से अप्रसार संधि में शामिल ना होने वाले देशों को ग्रुप में शामिल करने को लेकर तब बात करेगा जब सभी सदस्य इस बात को लेकर सहमत होंगे।

    पढ़ें- US ने NSG सदस्यों से भारत की दावेदारी को समर्थन देने की अपील की