स्टिंग में फंसे केजरी, दमानिया का इस्तीफा
पूरी दिल्ली को भ्रष्टाचार के खिलाफ सबका स्टिंग करने की नसीहत देने वाली आम आदमी पार्टी (आप) खुद ही स्टिंग ऑपरेशन के चक्रव्यूह में फंस गई है। दिल्ली में चुनाव के एलान से पहले आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल का एक टेप सामने आया है, जिसमें उन्होंने सरकार बनाने के लिए
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पूरी दिल्ली को भ्रष्टाचार के खिलाफ सबका स्टिंग करने की नसीहत देने वाली आम आदमी पार्टी (आप) खुद ही स्टिंग ऑपरेशन के चक्रव्यूह में फंस गई है। दिल्ली में चुनाव के एलान से पहले आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल का एक टेप सामने आया है, जिसमें उन्होंने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस में तोड़-फोड़ की कोशिश की थी। आप के एक पूर्व विधायक राजेश गर्ग के साथ हुई बातचीत का यह टेप सामने आने के बाद महाराष्ट्र इकाई की वरिष्ठ नेता अंजलि दमानिया ने केजरीवाल पर सीधे खरीद-फरोख्त के इल्जाम लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, पार्टी ने दावा किया है कि इस बातचीत में केजरीवाल ने कुछ भी अनैतिक नहीं कहा है और विधायक खुद ही टूट कर भाजपा में मिलने जा रहे थे।
सिसोदिया भी लगे थे काम में
विभिन्न टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर चल रहे एक ऑडियो टेप में केजरीवाल अपने पूर्व विधायक राजेश गर्ग के साथ बातचीत करते हुए सुनाई देते हैं। इसमें एक मौके पर वे कांग्रेस के आठ में से छह विधायकों के बारे में कहते हैं, 'इन छह को अलग करवाने का ही शुरू करवाओ... छह लोग अलग होकर अपनी पार्टी बना कर हमें बाहर से समर्थन कर दें।' इसके साथ ही वे कहते हैं कि 'ये छह लोग अलग होकर, टूटकर भाजपा में जाने वाले थे। मगर जा नहीं पाए क्योंकि इनमें तीन मुसलमान हैं। तो ये हमें ही समर्थन कर दें।' टेप में केजरीवाल यह भी मानते हैं कि उनके सहयोगी और अब दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी इस काम में लगे हुए थे।
दमनिया ने कहा, माफी मांगें केजरीवाल
इस टेप के बाहर आने के बाद अंजलि दमानिया ने केजरीवाल पर सीधे खरीद-फरोख्त के इल्जाम लगाए। उन्होंने यह कहते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया कि 'मैंने सिद्धांतों की वजह से समर्थन किया था विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए नहीं।' दमानिया ने यह भी कहा कि अगले 48 घंटे के अंदर इस मामले की जांच होनी चाहिए और केजरीवाल, प्रशांत भूषण व योगेंद्र यादव को स्वयंसेवकों से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस के दिल्ली अध्यक्ष अजय माकन ने भी कहा कि वे चुनाव से पहले से ही कह रहे हैं कि आप उनके विधायकों को तोडऩे में लगी हुई है। अब ये आरोप सही साबित हो गए हैं।
टेप में गलत क्या: खेतान
उधर, आप नेता आशीष खेतान ने कहा कि अगर इस टेप को सही मान लें तो भी इसमें ऐसी कोई बात नहीं है जिसे अनैतिक कहा जा सके। किसी पार्टी के दो तिहाई जनप्रतिनिधि राजनीतिक कारणों से पार्टी छोड़ें या नई पार्टी बनाएं तो इसमें क्या समस्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि इन्हें समर्थन के लिए न तो अपनी तरफ से प्रस्ताव किया गया और न ही इसके लिए कोई प्रलोभन दिया गया। साथ ही यह भी कहा कि टेप जारी करने वाले राजेश गर्ग को पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से इस बार चुनाव में टिकट नहीं दिया गया था।
कुमार विश्वास को दिया था टेप
इस बीच ये विवाद बढऩे के बाद राजेश गर्ग ने इस टेप को खुद सार्वजनिक करने से इन्कार कर दिया है। बकौल गर्ग उन्होंने यह टेप पार्टी के ही एक वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास को दिया था।
भूषण-यादव के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान
कुछ आप विधायकों ने मांग की है कि प्रशांत भूषण, शांति भूषण और योगेंद्र यादव को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से बाहर किया जाए। विधायक कपिल मिश्रा ने इसके लिए विधायकों के बीच हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। उनका दावा है कि अभी तक 55 विधायकों ने चिट्ठी पर दस्तखत कर दिए हैं। हालांकि विधायक कर्नल देवेंद्र सेहरावत और पंकज पुष्कर ने दस्तखत नहीं किए। सेहरावत ने कहा कि किसी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए दो सजा क्यों दी जानी चाहिए। यादव व भूषण पहले ही राजनीतिक मामलों की समिति से हटा दिए गए हैं।
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