Move to Jagran APP

गोस्वामी हटाए गए, सीबीआइ अफसर के खिलाफ जांच शुरू

सारधा घोटाले के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह की गिरफ्तारी में अड़ंगा लगाने पर केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी को उनके पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। गोस्वामी द्वारा मतंग सिंह की गिरफ्तारी टालने के लिए सीबीआइ अफसरों को फोन करने की बात कबूलने के बाद सरकार

By Sachin kEdited By: Published: Wed, 04 Feb 2015 11:31 PM (IST)Updated: Thu, 05 Feb 2015 09:54 AM (IST)
गोस्वामी हटाए गए, सीबीआइ अफसर के खिलाफ जांच शुरू

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सारधा घोटाले के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह की गिरफ्तारी में अड़ंगा लगाने पर केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी को उनके पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। गोस्वामी द्वारा मतंग सिंह की गिरफ्तारी टालने के लिए सीबीआइ अफसरों को फोन करने की बात कबूलने के बाद सरकार ने देर शाम उन्हें हटाने का फैसला लिया। केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव एलसी गोयल नए गृह सचिव बनाए गए हैं। केरल कैडर से 1979 बैच केआइएएस अफसर एलसी गोयल जल्द ही कार्यभार संभाल लेंगे। उनका कार्यकाल दो साल का ही होगा। कुछ साल पहले भी गोयल गृह मंत्रालय में बतौर संयुक्त सचिव (आंतरिक सुरक्षा) काम कर चुके हैं।

prime article banner

उधर, दूसरी ओर सीबीआइ ने अपने उस अफसर के खिलाफ भी जांच शुरू की है जिसने शारदा घोटाले को लेकर मतंग सिंह से फोन पर बातचीत की थी।

मंगलवार को मतंग सिंह की गिरफ्तारी रोकने के लिए अनिल गोस्वामी के फोन करने की बात सामने आने के बाद बुधवार को घटनाक्रम तेजी से घूमा। सबसे पहले केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अनिल गोस्वामी को तलब कर पूरे मामले पर सफाई मांगी। लगभग एक घंटे तक चली बैठक में गोस्वामी ने सीबीआइ अधिकारियों को फोन करने की बात स्वीकार कर ली। तब गृहमंत्री ने सीबीआइ निदेशक अनिल सिन्हा को तलब किया।

गोस्वामी पहले पीएमओ में तलब :
लगभग आधे घंटे में सीबीआइ निदेशक अनिल सिन्हा ने पूरे वाकये से गृहमंत्री को अवगत कराया। अनिल सिन्हा ने कहा कि वे इस संबंध में प्रधानमंत्री को रिपोर्ट पहले ही भेज चुके हैैं। अनिल सिन्हा व अनिल गोस्वामी के बीच 45 मिनट बात हुई। फिर देर शाम अनिल गोस्वामी को पीएमओ में तलब किया गया। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति वाली मोदी सरकार ने सारधा चिटफंट घोटाले की जांच में अपने वरिष्ठ अधिकारी की अड़ंगेबाजी को गंभीरता से लिया।

5 माह का कार्यकाल ही शेष था :
जम्मू-कश्मीर कैडर के आइएएस अधिकारी अनिल गोस्वामी को सुशील कुमार शिंदे के कार्यकाल ने गृह सचिव बनाया गया था। पांच माह बाद उनका कार्यकाल 30 जून को खत्म होना था। वे पिछले साल जून में अपनी वकील पत्नी को हाईकोर्ट का जज बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जजों से पैरवी का आरोप लगा था। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर ने इसपर लिखित में आपत्ति जताई थी।

हटाए गए तीसरे बड़े अफसर :
मोदी सरकार के हाथों नपने वाले अनिल गोस्वामी तीसरे बड़े अधिकारी हैं। पिछले सप्ताह सरकार ने विदेश सचिव के पद से सुजाता सिंह को हटाया था, जबकि उनकी सेवानिवृत्ति में सिर्फ सात महीने बचे थे। उससे पहले, शीर्ष मिसाइल वैज्ञानिक अविनाश चंद्र को डीआरडीओ प्रमुख के पद से हटाया गया था।

सीबीआइ अफसरों के भी तबादले :
इसी सिलसिले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने संयुक्त निदेशक स्तर के कुछ अधिकारियों का तबादला कर दिया। हालांकि वह इसे रूटीन फैसला बता रही है। बहुचर्चित टूजी घोटाले की जांच कर रहे सीबीआइ के संयुक्त निदेशक अशोक तिवारी से यह मामला छीन कर उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की जांच कर रही एमडीएमए में भेजा गया। तिवारी का प्रभार अनुराग गर्ग को सौंपा गया जो प्रशिक्षण के बाद इस मामले को देखेंगे। वहीं, प्रबोध कुमार जो टाट्रा ट्रक स्कैम, अगस्टा वेस्टलैंड केस सहित अन्य प्रमुख भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रहे थे, उन्हें भी एजेंसी के भ्रष्टाचार विरोधी शाखा से हटा कर बैंकिंग सेवाएं व धोखाधड़ी विभाग में भेजा है। उनकी जगह आरपी अग्रवाल को भ्रष्टाचार विरोधी शाखा का दायित्व सौंपा है।

पढ़ेंः सारधा घोटाले में मुकुल राय से सीबीआइ करेगी पूछताछ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.