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    अंडमान में हो सकता है अगला कारगिल

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    Updated: Mon, 03 Feb 2014 07:47 PM (IST)

    पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश ने आशंका जताई है कि अंडमान और निकोबार में कारगिल जैसी स्थिति बन सकती है। ...और पढ़ें

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    पणजी। पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश ने आशंका जताई है कि अंडमान और निकोबार में कारगिल जैसी स्थिति बन सकती है।

    उन्होंने कहा कि असली खतरा उन शिकारियों, नशीली पदार्थो के तस्करों या आतंकी समूहों से है जो अंडमान के कुछ निर्जन द्वीपों पर कब्जा कर कारगिल जैसी स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं।

    एडमिरल प्रकाश ने यह आशंका रविवार को भारत के तट और इसके द्वीपों की सुरक्षा पर आयोजित दो दिवसीय वर्कशॉप के समापन के मौके पर जताई। इस कार्यक्रम का आयोजन आरएसएस समर्थित एनजीओ एकीकृत राष्ट्रीय सुरक्षा संघ द्वारा किया गया था। 1999 में पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू और कश्मीर में कारगिल की ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया था जिन्हें उनके कब्जे से मुक्त कराने के लिए भारत को युद्ध करना पड़ा था। एडमिरल प्रकाश ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में स्थित 573 द्वीपों वाला यह द्वीप समूह अपनी अनूठी भौगोलिक स्थिति के कारण सुरक्षा के लिए चुनौतियां पेश कर रहा है। ये द्वीप भारतीय प्रायद्वीप की अपेक्षा दक्षिण पूर्व एशिया के ज्यादा करीब हैं। ये किसी भी देश के निशाने पर आ सकते हैं जो बंगाल की खाड़ी में अपना दबदबा बनाने की महत्वाकांक्षा रखते हों।

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    एडमिरल प्रकाश ने बताया कि अंडमान का सामरिक महत्व इतना अधिक है कि 1947 में भारत की आजादी के समय ब्रिटेन की रॉयल नेवी इन द्वीपों पर अपना कब्जा चाहती थी ताकि वह मलक्का जलडमरूमध्य पर हावी रह सके। देश विभाजन के समय मुहम्मद अली जिन्ना ने भी ब्रिटिश सरकार से इन द्वीपों के लिए आग्रह किया था मगर उस समय जवाहर लाल नेहरू ने वायसराय लार्ड लुइस माउंटबेटन पर ऐसा न करने के लिए दबाव बनाया था।

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