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    आनंदीबेन..दो बच्चियों को बचाने के लिए कूद गई थी नदी में

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    Updated: Thu, 22 May 2014 10:16 AM (IST)

    गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने जा रहीं आनंदीबेन पटेल की शुरुआती शिक्षा ऐसे स्कूल से हुई है, जहां उनके अलावा शेष 700 विद्यार्थी लड़के थे। उन्होंने स्नातक भी ऐसे ही कॉलेज से किया, जहां वह इकलौती छात्रा थीं। उत्तरी गुजरात के खरोड गांव में 21 नवंबर, 1941 को जन्मीं आनंदीबेन ने बत

    जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने जा रहीं आनंदीबेन पटेल की शुरुआती शिक्षा ऐसे स्कूल से हुई है, जहां उनके अलावा शेष 700 विद्यार्थी लड़के थे। उन्होंने स्नातक भी ऐसे ही कॉलेज से किया, जहां वह इकलौती छात्रा थीं। उत्तरी गुजरात के खरोड गांव में 21 नवंबर, 1941 को जन्मीं आनंदीबेन ने बतौर मंत्री राज्य की सबसे लंबे समय सेवा की है। उन्हें काफी सख्त व अनुशासित नेता के तौर पर पहचाना जाता है। सबसे पहली बार उन्हें प्रसिद्धि तब मिली, जब 1987 में अध्यापक आनंदीबेन ने सरदार सरोवर में डूब रही दो बच्चियों को बचाने के लिए छलांग लगा दी और उन्हें बचाया।

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    लोकसभा चुनाव की वजह से नरेंद्र मोदी की व्यस्तता के दौरान उन्होंने राज्य का पूरा कामकाज जिम्मेदारी के साथ चलाया। आनंदीबेन के पति मफतभाई पटेल मनोविज्ञान के प्रोफेसर व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता थे। आनंदीबेन उनकी वजह से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) व भाजपा के संपर्क में आई। वह 1987 में औपचारिक तौर पर भाजपा में शामिल हुई और उन्हें पार्टी के महिला मोर्चा की जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने सात साल तक इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। उन्हें पहली बार तब बड़ी पहचान मिली, जब 1992 में वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने श्रीनगर में एकता यात्रा के दौरान तिरंगा फहराया। उस यात्रा के दौरान वह अकेली महिला नेता थीं। इसके दो साल बाद 1994 में वह राज्यसभा सदस्य बनीं। 1998 में वह पहली बार मंडल विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनी गई। केशूभाई पटेल की सरकार में वह शिक्षा मंत्री के साथ ही बाल व महिला कल्याण मंत्री भी रहीं। इसके बाद वह लगातार विधायक रहीं। इस दौरान उनके पास राजस्व, शिक्षा व शहरी विकास जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी रही। मोदी कैबिनेट में उन्हें हमेशा नंबर दो की हैसियत हासिल रही। वह 1970 से 2000 तक मोहनीबा विद्यालय में प्राइमरी स्कूल टीचर भी रहीं।

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