Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एएमयू में शिया-सुन्नी के अलग-अलग चल रहे विभाग हों बंद: यूजीसी

    By Gunateet OjhaEdited By:
    Updated: Fri, 24 Nov 2017 09:39 PM (IST)

    मानव संसाधन विकास मंत्रालय से विश्वविद्यालय में संचालित हो रही इस तरह की गतिविधियों को बंद कराने की सिफारिश की है।

    एएमयू में शिया-सुन्नी के अलग-अलग चल रहे विभाग हों बंद: यूजीसी

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में शिया-सुन्नी के लिए चल रहे अलग-अलग विभागों पर यूजीसी ने आपत्ति जताते हुए इन्हें साथ-साथ चलाने की सिफारिश की है। यूजीसी का कहना है कि किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए ऐसी गतिविधियां ठीक नहीं है। यूजीसी ने विश्वविद्यालय में पुरुषों और महिलाओं के लिए लगने वाली अलग-अलग कक्षाओं को लेकर भी सवाल उठाया है। साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय से विश्वविद्यालय में संचालित हो रही इस तरह की गतिविधियों को बंद कराने की सिफारिश की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एएमयू को लेकर गठित यूजीसी की आडिट टीम ने अपनी रिपोर्ट में एएमयू के देश के दूसरे हिस्सों में चल रहे केंद्रों पर भी आपत्ति खड़ी करते हुए इन सभी केंद्रों को आसपास के विश्वविद्यालयों से संबंद्ध करने का सुझाव दिया है। एएमयू की ओर से मौजूदा समय में मुर्शिदाबाद ( पश्चिम बंगाल), किशनगंज (बिहार) और मल्लापूरम (केरल) में अपने केंद्र संचालित किए जा रहे है। एएमयू के इन केंद्रों को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय भी आपत्ति जता चुका है।

    यूजीसी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में आडिट टीम ने कहा कि एएमयू जब केंद्र सरकार से मिलने वाले फंड से संचालित हो रहा है और केंद्रीय विश्वविद्यालय है, तो उस पर भी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के तय नियम लागू होने चाहिए। विश्वविद्यालय की ओर से महिला-पुरुष, शिया-सुन्नी के लिए अलग-अलग कक्षाएं और विभागों के संचालन को वैश्विक सोच और विकास के खिलाफ बताया है।

    यूजीसी ने इस दौरान एएमयू के प्रवेश नियमों को भी बदलने और उन्हें पारदर्शी बनाने की सिफारिश की है। वहीं प्रवेश में विवि के कुलपति को मिले विशेषाधिकार को गलत बताते हुए उसे खत्म करने को कहा है। यूजीसी ने अपनी रिपोर्ट में एएमयू के कुलपति के चयन की प्रक्रिया को सर्च एंड सलेक्शन आधार पर नए सिरे से तैयार करने का भी सुझाव दिया है। उसने कुलपति के चयन की उस मौजूदा प्रक्रिया को गलत बताया है, जिसके तहत कुलपति का चयन चुनाव के जरिए किया जाता है। यूजीसी का कहना है कि चयन में योग्यता को प्रमुखता मिल चाहिए।

    यूजीसी की ऐसी ही एक कमेटी ने कुछ समय पहले अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय से मुस्लिम शब्द और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से हिन्दू शब्द को हटाने की भी सिफारिश कर चुका है। पिछले दिनों यूजीसी ने एएमयू सहित देश के करीब 12 केंद्रीय विश्वविद्यालयों का आडिट कराने के लिए टीमें गठित की थी। इनमें ज्यादातर विवि की रिपोर्ट आ चुकी है।

    यह भी पढ़ेंः हाफिज के खिलाफ हर सबूत पर बैठे रहे पाक हुक्मरान, ट्रेनिंग के दौरान कसाब से मिलता था सईद

    यह भी पढ़ेंः मेडिकल वीजा के कूटनीतिक भंवर में फंसा पाक, जनता ने सुनाई खरी-खोटी