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एएमयू बिरादरी बोली, बर्खास्त हो अखिलेश सरकार

मुजफ्फरनगर में दंगा भड़कने के लिए अखिलेश सरकार की नाकामी से अलीगढ़ मुस्लिम विद्यालय [एएमयू] बिरादरी भी खासी खफा है। मिल्लत बेदारी मुहिम कमेटी के सचिव जसीम मोहम्मद ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। कहा है, अखिलेश सरकार में कानून व्यवस्था चौपट है। सरकार दंगे रोकने में भी अक्षम साबित हुई है। दंगा

By Edited By: Published: Mon, 09 Sep 2013 10:22 PM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2013 10:29 PM (IST)
एएमयू बिरादरी बोली, बर्खास्त हो अखिलेश सरकार

अलीगढ़ [जासं]। मुजफ्फरनगर में दंगा भड़कने के लिए अखिलेश सरकार की नाकामी से अलीगढ़ मुस्लिम विद्यालय [एएमयू] बिरादरी भी खासी खफा है। मिल्लत बेदारी मुहिम कमेटी के सचिव जसीम मोहम्मद ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। कहा है, अखिलेश सरकार में कानून व्यवस्था चौपट है। सरकार दंगे रोकने में भी अक्षम साबित हुई है। दंगाइयों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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कमेटी की बैठक में एएमयू कोर्ट मेंबर प्रो. हुमायूं मुराद ने कहा कि सूबे में सपाई ही कानून व्यवस्था भंग कर रहे हैं। सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। आइएएस अधिकारी दुर्गा नागपाल के मामले को सपा ने सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की थी, जबकि वहां ऐसा कुछ नहीं था। एएमयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. नसीम अशरफ ने कहा कि प्रदेश सरकार जीवन-सुरक्षा के संवैधानिक अधिकार के प्रति भी गंभीर नहीं है। एएमयू एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य डॉ. मोहम्मद शाहिद ने कहा कि लैपटॉप बांटने से जनता का भला नहीं होगा। पब्लिक को सुरक्षा और मूलभूत सुविधाएं चाहिए। अखिलेश सरकार दोनों ही चीजें मुहैया कराने में विफल रही है। प्रो. रजाउल्लाह खान ने कहा कि सपा सरकार में प्रदेश लगातार दंगे झेल रहा है। सांप्रदायिक तत्वों को इसकी खुली छूट दे दी गई हो। प्रो. शाहबुद्दीन इराकी ने कहा कि सूबे में सांप्रदायिक राजनीति जोर पकड़ रही है। ऐसा करने वाले दलों का पंजीकरण रद होना चाहिए। बैठक में सर्व सम्मति से प्रस्ताव मंजूर किया गया। इसमें कहा गया कि प्रदेश में अल्पसंख्यकों व हाशिये पर खड़े वगरें का जीवन सुरक्षित नहीं है। कानून व्यवस्था पूरी तरह से भंग है। लिहाजा, केंद्र सरकार यहां तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाए।

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