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    अमेरिकी दिग्गजों ने मोदी को बताया साहसी, नोटबंदी व जीएसटी की किए प्रशंसा

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 03 Aug 2017 10:04 AM (IST)

    चेंबर्स ने मोदी को साहसी बताया व नोटबंदी व जीएसटी की प्रशंसा की। उनका कहना था कि पहले भारत धीमी गति से चलने वाला देश माना जाता था। ...और पढ़ें

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    अमेरिकी दिग्गजों ने मोदी को बताया साहसी, नोटबंदी व जीएसटी की किए प्रशंसा

    नई दिल्ली, रायटर। अमेरिका के दिग्गज भारत के साथ नई रणनीतिक साझेदारी बनाने के पक्षधर हैं। बुधवार को भारत में मौजूदगी वाली अमेरिकी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाला अमेरिका का एक शीर्ष व्यापार संगठन अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआइबीसी) लांच हो गया।

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    यूएसआइबीसी के कार्यकारी चेयरमैन जॉन चैंबर्स ने एक दिन पहले पीएम मोदी से मुलाकात की थी। उनका कहना था कि व्यापार को बढ़ावा देने के साथ फोरम भारत को शिक्षा, स्टार्टअप में भी सहयोग करेगा। चेंबर्स ने मोदी को साहसी बताया व नोटबंदी व जीएसटी की प्रशंसा की। उनका कहना था कि पहले भारत धीमी गति से चलने वाला देश माना जाता था, लेकिन अब यह तेजी से तरक्की की तरफ अपने कदम आगे बढ़ा रहा है।

    गौरतलब है कि यूएसआइबीसी ने काफी ताकतवर माने जाने वाले यूएस चैंबर्स से नाता तोड़ लिया है। संगठन का आरोप है कि यूएस चैंबर्स द्वारा उसके कामकाज में बेवजह का हस्तक्षेप किया जा रहा है। यूएसआइबीसी के बड़े नामों वाले बोर्ड ने यूएस चैंबर्स ऑफ कॉमर्स से अलग होने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया।

    बोर्ड के सदस्यों में कई दिग्गज नाम मसलन पेप्सिको की इंदिरा नूयी, मास्टरकार्ड के अजय बंगा और सिस्को के जॉन टी चैंबर्स शामिल हैं। इसका गठन यूएस चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ने 1975 में तत्कालीन विदेश मंत्री हेनरी किसिंगर के आग्रह पर किया था। यूएसआइबीसी की बोर्ड की बैठक में स्वायत्त निकाय के रूप में काम करने और यूएस चैंबर्स की इमारत से बाहर निकलने का फैसला किया गया।

    अमेरिका-भारत आए नजदीक: जयशंकर

    नई दिल्ली। विदेश सचिव एस जयशंकर का कहना है कि हाल के वर्षो में भारत व अमेरिका एक दूसरे के नजदीक आए हैं और भारत अब अमेरिका के साथ रक्षा व व्यापार जैसे क्षेत्रों में साथ मिलकर काम करने का इच्छुक है। उनका कहना था कि भारत बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। अपने ध्येय को पूरा करने के रास्ते में अमेरिका उसका भरोसेमंद साथी है। उनका कहना है कि अमेरिका से नजदीकी भारत को बड़ा फायदा देगी।

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