दुश्मनों को हर चुनौती का जवाब देने के लिए तैयार है वायुसेना : अरूप राहा
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने कहा है कि भारतीय वायुसेना किसी भी चुनौती का जवाब देने को तैयार है।
नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। गुलाम कश्मीर में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान में मचे कोहराम के बीच वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने कहा है कि भारतीय वायुसेना किसी भी चुनौती का जवाब देने को तैयार है। लेकिन वायुसेना की इस क्षमता का इस्तेमाल करने का फैसला देश के राजनीतिक नेतृत्व को करना है। राहा ने यह भी कहा कि बेशक वायुसेना को अपने बेड़े में काफी लड़ाकू विमानों की जरूरत है, लेकिन मौजूदा क्षमता भी दुश्मन की चुनौती का जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है।
वायुसेना दिवस से पूर्व मंगलवार को यहां अपनी सालाना प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राहा ने सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े सवालों का सीधे जवाब देने से इन्कार करते हुए कहा कि सेना का यह ऑपरेशन बेहद संवेदनशील मसला है जो अभी ज्वलंत और गरम है। इसलिए वह इससे जुड़े सवालों पर टिप्पणी नहीं करेंगे। हालांकि पूर्वी व पश्चिमी सीमा पर चीन और पाकिस्तान की दोहरी चुनौतियों पर वायुसेना की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर राहा ने कहा, हमारी वायुसेना दोनों मोर्चो पर एक साथ दुश्मन की किसी चुनौती से निपटने के लिए न केवल तैयार है बल्कि पूरी तरह सक्षम है।
IAF चीफ अरुप राहा बोले, भविष्य में भारत को मिल सकते हैं और राफेेल विमान
1962 के समय का रणनीतिक नजरिया अब बदल चुका है जब वायुसेना के इस्तेमाल से तनाव के और गहराने की आशंका जताई जाती थी। अब भारतीय वायुसेना की क्षमता काफी बढ़ चुकी है और हम दुश्मन को भयाक्रांत कर उसे रणनीतिक रूप से रोकने के साथ सबक सिखाने में पूरी तरह सक्षम हैं। तीनों सेनाओं की स्टाफ कमिटी के चेयरमैन के नाते भी राहा ने कहा कि हमारी तीनों सेनाएं हर चुनौती के लिए सदैव तैयार रहती हैं। लेकिन हमारा उपयोग कब और कैसे करना है इसका फैसला सरकार को ही करना है।
राफेल से बढ़ेगी ताकत
वायुसेना के मौजूदा बेड़े में लड़ाकू विमानों की कमी के संदर्भ में राहा ने कहा, निस्संदेह हमें इसकी संख्या बढ़ानी है। राफेल जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान आने से हमारी ताकत और बढ़ेगी। भविष्य में तकनीक हस्तांतरण के जरिये भारत में ही उन्नत किस्म के लड़ाकू विमानों के निर्माण की सरकार की योजना है। मौजूदा बेड़े में शामिल मिग, मिराज और सुखोई विमानों की उम्र व क्षमता बढ़ाने के लिए उनके निरंतर रखरखाव और तकनीकी उन्नयन पर हमारा फोकस है। सुखोई के इंजन में सुधार किया जा रहा है। ताकि अगले 20 साल तक यह वायुसेना के बेड़े में कारगर रूप से रहे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।