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    अगस्ता वेस्टलैैंड स्कैमः बचाव में कांग्रेस ने लगाई सवालों की झड़ी

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Wed, 27 Apr 2016 10:38 PM (IST)

    कांग्रेस ने इटालियन मरीन के प्रति भारत सरकार के नरम रवैए पर सवाल उठातेे हुए इटली कोर्ट के फैसले को लेकर उल्टे बीजेपी के ऊपर ही कई सवाल खड़े कर दिए।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हेलीकाप्टर घोटाले में घिरी कांग्रेस ने बचाव के लिए उल्टे मोदी सरकार पर सवालों की झड़ी लगा दी है। कांग्र्रेस ने आशंका जताई है कि कहीं इटली की अदालत का ताजा फैसला मोदी सरकार की इटली सरकार के साथ डील का हिस्सा तो नहीं है, जिसके तहत मैरिन केस में इटालियन नौसैनिकों के प्रति नरम रवैया अपनाया जा रहा है।

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    कांग्रेस का कहना है कि घोटाले के खुलासे के बाद संप्रग सरकार ने न सिर्फ अगस्ता वेस्टलैैंड और फेनमेकैनिका कंपनी को काली सूची में डालने की कार्रवाई शुरू कि बल्कि शर्तों के उल्लंघन के आरोप में उसके 2000 करोड़ रुपये अधिक के उसके सिक्यूरिटी डिपोजिट को भी जब्त कर लिया। लेकिन मोदी सरकार उसे काली सूची से बाहर निकालकर निवेश के लिए आमंत्रित कर रही है। इस सिलसिले में कांग्रेस ने मोदी सरकार से 10 सवालों का जबाव देने को कहा है।

    कांग्रेस के अनुसार हेलीकाप्टर खरीद में घोटाले का खुलासा होते ही संप्रग सरकार ने इसकी जांच सीबीआइ को सौंप दी थी और कंपनियों को काली सूची में डालने की कार्रवाई शुरू कर दी थी और उसे आगे के सभी रक्षा सौदों के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। लेकिन मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद दो महीने के भीतर ही काली सूची में डालने की कार्रवाई बंद कर दी थी। यही नहीं, मोदी सरकार ने फिनमैकेनिका कंपनी को नौसेना के लिए 100 हेलीकाप्टरों की खरीद प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति भी दे दी।

    कांग्रेस ने पूछा कि आखिर घोटाले में फंसी कंपनी मोदी के मेक इन इंडिया का पार्टनर कैसे बन गई। टाटा समूह के साथ फिनमैकेनिका के संयुक्त उपक्रम को भारत में विदेशी निवेश के लिए हरी झंडी भी मिल चुकी है।
    लेकिन इटली की अदालत के फैसले में तत्कालीन सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देने के खुलासे और वरिष्ठ नेताओं के नाम आने से बैकफुट पर आई कांग्र्रेस ने इसे मोदी सरकार के साथ इटली का गुप्त समझौते का आरोप लगा दिया है।

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    कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि कहीं दो मछुआरों की हत्या के आरोपी इटैलियन मैरिन को बचाने के एवज में कांग्र्रेस नेतृत्व को फंसाने की साजिश तो नहीं की जा रही है। कांग्र्रेस कहना है कि इस घोटाले की जांच में आखिर पिछले दो सालों में सीबीआइ और ईडी की जांच आगे क्यों नहीं बढ़ पाई है। यहां तक कि घोटाले के आरोपी जेम्स क्रिश्चियन माइकल ने पिछले साल नवंबर में ही भारत आकर ईडी और सीबीआइ की पूछताछ के लिए हाजिर होने का पेशकश कर चुका है। लेकिन उसे इसकी अनुमति नहीं दी गई है।

    कांग्रेस ने आरोपी पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी और एनएसए अजीत डोभाल के संबंधों पर सवाल उठाया। एसपी त्यागी उसी विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के सदस्य हैैं, एनएसए बनने के पहले जिससे डोभाल जुड़े रहे हैैं। कांग्र्रेस यह भी जानना चाहती है कि मोदी सरकार ने इसी कंपनी से हेलीकाप्टर खरीद में घोटाले के खुलासे के बाद भी छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार और राजस्थान की वसुंधरा राजे की सरकार पर क्यों नहीं कार्रवाई की। जबकि सीएजी की रिपोर्ट में इसका स्पष्ट उल्लेख है।