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    सरकार का आकलन: महीने-डेढ़ महीने तक रहेगा नोट बंदी का असर

    इस बीच वित्त मंत्रालय का कहना है कि अगले वित्त वर्ष के लिए आम बजट एक फरवरी को पेश करने की सरकार की तैयारियों पर भी पुराने नोट बंद होने का कोई असर नहीं पड़ेगा।

    By Sachin BajpaiEdited By: Updated: Wed, 16 Nov 2016 08:12 AM (IST)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । कालेधन और आतंकी फंडिंग को खत्म करने के इरादे से पांच सौ और एक हजार रुपये के पुराने नोट बंद की करने के सरकार के फैसले का देश की अर्थव्यवस्था पर कुछ खास असर नहीं पड़ेगा। सरकार का मानना है कि इस फैसले से महीने - डेढ़ महीने तक ही उपभोक्ता व्यय पर असर पड़ सकता है लेकिन यह सिर्फ अल्पकालिक होगा। इस बीच वित्त मंत्रालय का कहना है कि अगले वित्त वर्ष के लिए आम बजट एक फरवरी को पेश करने की सरकार की तैयारियों पर भी पुराने नोट बंद होने का कोई असर नहीं पड़ेगा।

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    वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पांच सौ और एक हजार रुपये के पुराने नोट बंद किए जाने के बाद सभी बैंक शाखाओं और एटीएम से नकदी निकलने की प्रक्रिया दो हफ्ते सामान्य हो जाएगी। जहां तक अर्थव्यवस्था पर इस फैसले के असर का सवाल है तो इसका दीर्घकालिक कोई प्रभाव नहीं होगा। हालांकि उपभोग व्यय पर अल्पावधि में इसका असर एक से डेढ़ माह तक रह सकता है।

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    सूत्रों ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार के इस फैसले का खजाने पर कोई खास नहीं पड़ेगा। इससे राजकोषीय संतुलन की स्थिति भी प्रभावित नहीं होगी। यह पूछे जाने पर कि अगर एक निश्चित राशि के 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट रिजर्व बैंक के पास वापस नहीं आते तो इसका कितना फायदा होगा। इस पर सूत्रों ने कहा कि इस बारे में अभी मंत्रालय ने कोई गणना नहीं की है।

    सूत्रों ने इन आशंकाओं को भी निराधार बताया कि रवी मौसम की फसलों के बुवाई क्षेत्र में कोई कमी नहीं आयी है। उन्होंने कहा कि बुवाई समय पर हो रही है और कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन इस साल उम्मीद से भी बेहतर रहने का अनुमान है। विगत दो वर्ष में लगातार सूखे की स्थिति रहने के कारण कृषि क्षेत्र की विकास दर में गिरावट दर्ज की गयी थी। चालू वित्त वर्ष में इसमें उछाल आने की संभावना है।

    आम बजट की तैयारियों पर भी कोई असर नहीं

    इस बीच वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि आम बजट एक फरवरी को पेश करने की सरकार की तैयारियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त सचिव बजट तथा पूरी बजट डिवीजन और व्यय सचिव मिलकर आम बजट की तैयारियों में जुटे हैं। आम बजट की तैयारी समय पर चल रही है। यह पूछे जाने पर कि मंत्रालय के आला अधिकारी नकदी उपलब्धता सुनिश्चित करने में जुटे हैं तो क्या बजट की तैयारियों पर असर पड़ सकता है, सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने विभिन्न क्षेत्रों के साथ आम बजट पूर्व चर्चा भी शुरु कर दी है। इसलिए इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

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