परीक्षणों में खरा उतरा एडमिरल गोर्शकोव
नई दिल्ली। विमान वाहक पोत एडमिरल गोर्शकोव ने परीक्षण में अहम कामयाबी हासिल की है। पिछले सप्ताह रूस में ट्रायल के दौरान गोर्शकोव ने 30 नॉटिकल मील से अधिक की रफ्तार हासिल की।
नई दिल्ली। विमान वाहक पोत एडमिरल गोर्शकोव ने परीक्षण में अहम कामयाबी हासिल की है। पिछले सप्ताह रूस में ट्रायल के दौरान गोर्शकोव ने 30 नॉटिकल मील से अधिक की रफ्तार हासिल की।
भारत ने 44,500 टन वजन वाला यह विमान वाहक पोत रूस से खरीदा है जिसके इन दिनों परीक्षण चल रहे हैं। इस साल के अंत तक गोर्शकोव को भारतीय वायुसेना में आइएनएस विक्रमादित्य के नाम से शामिल किया जाएगा। गोर्शकोव के परीक्षणों को देखने के लिए भारतीय नौसेना ने अपने विशेषज्ञ अधिकारियों को रूस भेजा था। नौसेना अधिकारियों के मुताबिक परीक्षण में शीर्ष गति प्राप्त करने के बाद गोर्शकोव को जल्द ही श्वेत सागर में विमान परीक्षणों से गुजरना होगा जहां लड़ाकू विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ कराई जाएगी। गोर्शकोव के लिए भारत और रूस के बीच 2004 में करार हुआ था और जिसे 2008 में भारतीय नौसेना को सौंपा जाना था, लेकिन इसकी कीमत और दूसरी अड़चनों के चलते इसमें देरी होती चली गई। पिछले साल रूसी अधिकारियों ने बताया था कि इसे 2013 के अंत भारत को सौंप दिया जाएगा।
भारत ने आइएनएस विक्रमादित्य पर लड़ाकू विमानों की तैनाती के लिए 45 मिग-29 विमानों का सौदा किया है और ये विमान भारत को मिलने शुरू हो गए हैं।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।