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    सईद पर कार्रवाई से बदलेगी भारत-पाक रिश्तों की दिशा!

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Mon, 20 Feb 2017 08:02 PM (IST)

    भारत इस बात से भी उत्साहित है कि हाफिज सईद के खिलाफ 30 जनवरी, 2017 के बाद से हुई कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान की मीडिया और राजनीति में सहमति है।

    सईद पर कार्रवाई से बदलेगी भारत-पाक रिश्तों की दिशा!

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जनवरी 2016 में पठानकोट एयर बेस पर पाक परस्त आतंकियों के हमले के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में गिरावट का जो सिलसिला शुरू हुआ था क्या वह आतंकी हाफिज सईद पर हो रही कार्रवाई से थमेगा? अभी तो पुख्ता तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन भारत ने इस बात के संकेत दिए हैं कि अगर सईद के खिलाफ पाक हुक्मरान सिर्फ दिखावटी नहीं बल्कि प्रभावी कदम उठाते हैं और उसके आतंकी संगठन जमात उद दावा की गतिविधियों पर नकेल कसते हैं तो दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघल सकती है।

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    भारत इस बात से भी उत्साहित है कि हाफिज सईद के खिलाफ 30 जनवरी, 2017 के बाद से हुई कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान की मीडिया और राजनीति में सहमति है। पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के अलावा और किसी भी बड़े नेता ने सईद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर बयानबाजी नहीं की है। खबर है कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने म्यूनिख में एक भाषण के दौरान यह कहा है कि हाफिज सईद समाज के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। इससे उम्मीद बंधी है कि पाकिस्तान इस बार हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर गंभीरता दिखाएगा। अगर ऐसा होता है तो यह पहला मौका होगा जब पाकिस्तान की तरफ से भारत को निशाना बनाने वाले आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

    इस उम्मीद से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा है, 'हाफिज सईद एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी है, वह मुंबई हमले का साजिशकर्ता है। वह लश्कर और जमात जैसे अपने संगठनों के जरिये पाकिस्तान के पड़ोसी देशों में कई बार हिंसक वारदातों को अंजाम दे चुका है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला हो चुका है। सईद, उसके सहयोगियों और संगठनों के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई करना उनके खिलाफ पहला तर्कसंगत कदम है। साथ ही इससे हमारे पूरे क्षेत्र को आतंकवाद और कट्टरता से मुक्ति दिलाने में भी मदद मिलेगी।'

    भारत को उम्मीद है कि सईद के खिलाफ पाकिस्तान में इस बार ज्यादा जोरदार तरीके से कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मुंबई हमले के कुछ समय बाद पाकिस्तान की एजेंसियों ने सईद को उस मामले में गिरफ्तार किया था लेकिन वहां की अदालत में कोई भी ठोस सबूत पेश नहीं किया जा सका था। अदालत से वर्ष 2009 में छूटने के बाद सईद भारत विरोधी गतिविधियों में और जोर-शोर से जुटा हुआ है। खास तौर पर कश्मीर को लेकर उसकी गतिविधियां भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए खासी सिरदर्दी पैदा करती हैं। अभी तक भारत और अमेरिका की तरफ से बार-बार आग्रह करने के बावजूद पाकिस्तान ने सईद पर कोई अंकुश नहीं लगाया था।

    सईद को मालूम था होगी कार्रवाई, कुछ दिन पहले ही अपने संगठन का बदला था नाम