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    अन्‍ना पर 'डोरे' डाल रही आम आदमी पार्टी

    By T empEdited By:
    Updated: Thu, 29 Jan 2015 01:58 PM (IST)

    सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी नेता अन्‍ना हजारे के मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने से आम आदमी पार्टी को उनके करीब आने का सुनहरा मौका मिल गया है। 'आप' नेता योगेंद्र यादव का कहना है कि वे भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अन्‍ना के आंदोलन में उनके साथ हैं।

    नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी नेता अन्ना हजारे के मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने से आम आदमी पार्टी को उनके करीब आने का सुनहरा मौका मिल गया है। 'आप' नेता योगेंद्र यादव का कहना है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना के आंदोलन में उनके साथ हैं।

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    आम आदमी पार्टी के 'थिंक टैंक' माने जाने वाले योगेंद्र यादव ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट किया है, 'भ्रष्टाचार के खिलाफ सच्ची लड़ाई में हमेशा उनका (अन्ना हजारे) साथ देंगे।' दरअसल, दिल्ली में अगामी 7 फरवरी को विधानसभा चुनाव हैं। इस बार मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच है, तमाम सर्वे इस बात का खुलासा कर चुके हैं। ऐसे में 'आप' बैठे बिठाए मिला मुद्दा छोड़ना नहीं चाहेगी।

    वैसे अन्ना हजारे के सुर अब नरेंद्र मोदी के लिए कुछ नरम पड़ते दिख रहे हैं। अन्ना का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अकेले सबकुछ नहीं कर सकते। वह योजना बना सकते हैं, जिसपर सबको मिलकर काम करना पड़ेगा।

    हालांकि इससे पहले बुधवार को अन्ना ने मोदी सरकार के खिलाफ जबरदस्त तरीके से मोर्चा खोल दिया था। 77 वर्षीय गांधीवादी नेता ने कहा, 'लोकसभा चुनावों में मोदी ने जनता से वादा किया था कि सौ दिन के भीतर काला धन वापस लाया जाएगा। इससे देश के हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपये आएंगे, लेकिन अब तक 15 रुपये भी नहीं मिले।' उन्होंने कहा, 'जनता अब समझ गई है कि उनके साथ क्या धोखा किया गया है। वह उन्हें (भाजपा नीत सरकार) वैसा ही सबक सिखाएगी, जैसा कांग्रेस को सिखाया था। भ्रष्टाचार के खिलाफ 2011 में हुए आंदोलन के बाद जनता जागरूक हो गई है।'

    अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि वह राजनीति पर बात नहीं करते हैं। बोले, 'मैं इन सब चीजों में नहीं पड़ना चाहता। मुझसे अन्य विषयों के बारे में पूछिए, देश के बारे में पूछिए। एक अरविंद और एक किरण महत्वपूर्ण नहीं है।' बता दें कि एक समय इंडिया अंगेस्ट करप्शन के आंदोलन में अन्ना के अहम साथी रहे अरविंद और किरण आज विपक्षी पार्टियों में हैं। अरविंद आप के मुखिया हैं, तो किरण को भाजपा ने मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में दोनों एक-दूसरे के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं।

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