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भूषण ने कराई 'आप' की किरकिरी

राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश से पहले ही आम आदमी पार्टी (आप) कश्मीर जैसे राष्ट्रीय मुद्दे पर उलझ गई है। कश्मीर से सेना हटाने पर जनमत संग्रह की मांग करने वाले 'आप' नेता प्रशांत भूषण के बयान से हालांकि पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने किनारा कर लिया, लेकिन मामला 'आप'के हलक में अभी भी अटका हुआ है। भाजपा और कांग्रेस ही नहीं बल्कि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सीधे तौर पर जनमत संग्रह का विरोध किया। भाजपा नेता अरुण जेटली ने चेताया कि अलगाववादियों की तरह बातें नहीं होनी चाहिए तो कांग्रेस के मंत्री गुलाम नबी आजाद ने उपहास उड़ाते हुए कहा कि जिन्हें एकबारगी सफलता मिल जाती है, वह खुद को सिकंदर मानने लगते हैं।

By Edited By: Published: Mon, 06 Jan 2014 01:44 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2014 09:53 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश से पहले ही आम आदमी पार्टी (आप) कश्मीर जैसे राष्ट्रीय मुद्दे पर उलझ गई है। कश्मीर से सेना हटाने पर जनमत संग्रह की मांग करने वाले 'आप' नेता प्रशांत भूषण के बयान से हालांकि पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने किनारा कर लिया, लेकिन मामला 'आप'के हलक में अभी भी अटका हुआ है। भाजपा और कांग्रेस ही नहीं बल्कि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सीधे तौर पर जनमत संग्रह का विरोध किया। भाजपा नेता अरुण जेटली ने चेताया कि अलगाववादियों की तरह बातें नहीं होनी चाहिए तो कांग्रेस के मंत्री गुलाम नबी आजाद ने उपहास उड़ाते हुए कहा कि जिन्हें एकबारगी सफलता मिल जाती है, वह खुद को सिकंदर मानने लगते हैं।

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कश्मीर जैसे संवेदनशील मुद्दे को छेड़ना 'आप' पर फिलहाल भारी पड़ गया। पार्टी के शीर्ष नेता और थिंक टैंक प्रशांत भूषण कश्मीर से सेना हटाने के पक्षधर रहे हैं। एक बार फिर से उन्होंने कह दिया कि इसके लिए जनमत संग्रह कराना चाहिए। सुरक्षा के मामले की नजाकत को समझते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तत्काल कमान संभाली और जनमत संग्रह को खारिज कर दिया। लेकिन यह सुझाव भी दिया कि लोगों की भावना के अनुरूप काम किया जाना चाहिए वरना लोकतंत्र खतरे में होगा। उसके बाद भूषण भी थोड़े नरम पड़े। हालांकि इस बात पर वह अडिग हैं कि सेना की तैनाती पर जनमत संग्रह की मांग को विलय के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

भूषण के बहाने 'आप' पर हमला करते हुए राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा कि पाकिस्तान और अलगाववादी भी कश्मीर घाटी से सेना को हटाने की बात करते रहे हैं। उन्होंने आगाह किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के इस मुद्दे पर अपनी स्थिति दुरुस्त करें, वरना जिस गति से उपर चढ़े हैं, उससे तेज गति से नीचे आते देर नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रश्न लोकप्रियता नहीं बल्कि जरूरतों के आधार पर विशेषज्ञों के द्वारा तय किए जाते हैं। उनके मुताबिक, प्रशांत भूषण ने एक बार यह भी कहा था यह जानने के लिए भी जनमत संग्रह होना चाहिए कि कश्मीर की आवाम भारत में रहना चाहता है या नहीं। भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने मंशा पर सवाल उठाया और कहा कि जब कश्मीर के मुद्दे पर देश में एक राय बन चुकी है तो फिर इस तरह के सवाल उठाकर 'आप' नेता क्या हासिल करना चाहते हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने 'आप' नेता को सुझाव दिया कि संवेदनशील मुद्दों पर बोलने से पहले जानकारी पुख्ता कर लें। सुरक्षा जवानों के बलिदान के बाद कश्मीर में शांति आई है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन से नियंत्रण न होने के बाद ही वहां सेना तैनात की गई है। लिहाजा ऐसा बयान न दें, जिससे स्थिति बिगड़ जाए। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर ने जनमत संग्रह से असहमति जताते हुए कहा कि सरकारों को निर्णय लेने का अधिकार होता है। उसके लिए जनमत संग्रह की जरूरत नहीं होती।

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किसने, क्या-कहा

'कश्मीर के लोगों की सहमति के बगैर वहां आंतरिक सुरक्षा के लिए सेना की तैनाती नहीं होनी चाहिए। इस पर जनमत संग्रह कराया जा सकता है।'

- प्रशांत भूषण, आप के शीर्ष नेता

-'देश के अंदर सेना तैनाती के फैसले पर जनमत संग्रह का सवाल ही नहीं है। लेकिन लोगों की भावना का सम्मान किया जाना चाहिए, वरना लोकतंत्र खतरे में होगा।'

-अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री

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-'राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे लोकप्रिय फैसलों और जनमत संग्रह से तय नहीं होते हैं। यह खेद की बात है कि राष्ट्रीय स्तरीय आकांक्षाएं पालने वाली आम आदमी पार्टी ऐसा रुख अपना रही है जो भारत के हितों के खिलाफ है।' -अरुण जेटली, राज्यसभा में विपक्ष के नेता

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'बड़ी मुश्किल से कश्मीर ने आतंकवाद से मुक्ति पाई है। ऐसा कोई बयान नहीं दिया जाना चाहिए, जिससे स्थिति बिगड़े।'

- गुलाम नबी आजाद, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

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