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    आप पीएसी की बैठक खत्‍म: बागियों पर नहीं हुआ फैसला

    By manoj yadavEdited By:
    Updated: Wed, 15 Apr 2015 09:15 PM (IST)

    आप की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक बुधवार रात बगैर बागियों पर कोई फैसला लिए ही समाप्‍त हो गई। बैठक में इस मामले को अनुशसन समिति को सौंपने का फैसला किया गया। इससे पहले यह माना जा रहा था कि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के नेतृत्व में

    नई दिल्ली। आप की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक बुधवार रात बगैर बागियों पर कोई फैसला लिए ही समाप्त हो गई। बैठक में इस मामले को अनुशसन समिति को सौंपने का फैसला किया गया। इससे पहले यह माना जा रहा था कि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के नेतृत्व में हुई बागियों की बैठक में शामिल होने वालों को 'आप' बुधवार को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकती है।

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    बैठक से पहले आप प्रवक्ता आशुतोष ने कहा था कि इस बैठक का पार्टी ने संज्ञान लिया है। जल्दी ही पार्टी की पीएसी की बैठक होगी। इसमें इस पर विचार होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात से गहरा दुख हुआ है कि हजारों स्वयंसेवकों ने दिन-रात की मेहनत से जिस तरह सांप्रदायिक ताकतों को दिल्ली में नेस्तनाबूद किया, उस पर एक शब्द का प्रस्ताव भी पारित नहीं हुआ।

    स्वराज संवाद की बैठक

    इससे पहले गुड़गांव में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण द्वारा बुलाई गई स्वराज संवाद बैठक में दोनों को अपार समर्थन मिला। प्रशांत भूषण ने कहा जिन सिद्धांतों और नीतियों के लिए इस पार्टी का निर्माण किया गया था वह सब पीछे छूट चुके हैं। यह पार्टी सिर्फ मुट्ठी भर लोगों के हाथों में सिमट कर रह गई है।

    इस बैठक में वोटिंग कराई गई। वोटिंग के बाद आए नतीजों में यह सामने आया कि 93 फीसद लोगों ने माना कि 'आप' अपने मूल उद्देश्य से भटक गई है और वह स्वराज पर नहीं चल रही है। गुड़गांव में हो रही बैठक में भूषण और यादव ने अपनी बात रखी।

    प्रशांत ने ही किया था आप विधायकों को बैठक में आने मना!

    गुड़गांव में मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) के प्रशांत-योगेंद्र गुट की 'स्वराज संवाद' बैठक के बाद इस बात को और अधिक बल मिला है कि दिल्ली के 12 विधायक इस गुट के साथ हैं। ये वे विधायक हैं जो सच्चाई और ईमानदारी से काम करने की जिद के चलते आप से जुड़े थे। इनमें से कुछ विधायकों को पार्टी में प्रवेश ही प्रशांत भूषण ने दिलाया था।

    सूत्रों का कहना है कि बैठक को लेकर दिल्ली के एक दर्जन विधायकों ने प्रशांत भूषण से बात की थी। मगर भूषण ने विधायकों को शांत रह कर जनता के लिए काम करने की सलाह दी थी। उन्होंने सभी को बैठक में न आने की सलाह भी दी थी। बताया जा रहा है कि उन्होंने इन विधायकों से कहा कि आप लोगों का समर्थन ही हमारे लिए बहुत है।

    जनता को हम लोगों से बहुत उम्मीदें हैं और हमें इस पर खरा उतरना है। तिमारपुर से विधायक पंकज पुष्कर से भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के लिए कहा गया था, मगर वह नहीं माने। उनका कहना था कि हम खुल कर आपके साथ हैं और उन्हें किसी बात का डर नहीं है।

    पार्टी की एकता को बनाए रखने का पूरा प्रयास किया : योगेन्द्र

    पार्टी में संस्थापक की भूमिका में रहे योगेंद्र यादव ने कहा कि मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं। मैंने उम्मीद नहीं की थी कि इतने लोग इस बैठक में आएंगे। उन्होंने कहा कि यह भीड़ दिखाती है कि ऐसा नहीं है कि हमारे साथ कोई दिक्कत है बहुत से ऐसे लोग हैं जो पार्टी से असहमत हैं। योगेंद्र ने कहा कि एक आदर्श वॉलंटियर्स पार्टी की वर्तमान स्थिति से संतुष्ट नहीं है। यादव ने कहा कि हमने बहुत प्रयास किया कि पार्टी में एकता बनी रहे लेकिन बंद दरवाजों के पीछे हमने किसी भी समझौते से इंकार कर दिया। हमसे कहा गया कि हरियाणा ले लो ये सब छोड़ दो।

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