Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजस्थान में छोटे बंगलों में रहेंगे मंत्री-अफसर

    By Edited By:
    Updated: Sat, 11 Jan 2014 05:12 PM (IST)

    दिल्ली की 'आप' सरकार की सादगी का असर अब राजस्थान में भी नजर आने लगा है। मुख्यमंत्री, मंत्री और आला अधिकारी अब सरकारी तामझाम को छोड़ सादगी को अंगीकार करेंगे। मुख्यमंत्री, मंत्री अब पुलिस स्कार्ट नहीं रखेंगे, सुरक्षा दस्ता भी कम होगा। सरकारी सेमीनार पांच सितारा होटलों में नहीं होगी और न ही सरकारी खच

    जयपुर, [नरेंद्र शर्मा]। दिल्ली की 'आप' सरकार की सादगी का असर अब राजस्थान में भी नजर आने लगा है। मुख्यमंत्री, मंत्री और आला अधिकारी अब सरकारी तामझाम को छोड़ सादगी को अंगीकार करेंगे। मुख्यमंत्री, मंत्री अब पुलिस स्कार्ट नहीं रखेंगे, सुरक्षा दस्ता भी कम होगा। सरकारी सेमीनार पांच सितारा होटलों में नहीं होगी और न ही सरकारी खर्च पर भोजन होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मंत्रियों और अधिकारियों को अब छोटे बंगलों में रहना होगा। वसुंधरा खुद सीएम हाउस में नहीं रहेंगी, बल्कि पुराने घर में ही रहेंगी। मुख्यमंत्री अब प्रतिदिन सुबह एक घंटा अपने निवास पर जनता की फरियाद सुनेंगी। जबकि उनके मंत्री प्रतिदिन लोगों से मिलने के अतिरिक्त सप्ताह में एक दिन भाजपा कार्यालय में बैठकर जनसुनवाई करेंगे। आइएएस अधिकारियों को गांव और कस्बों में रात्रि विश्राम करने के साथ ही ग्रामीणों के साथ चौपाल लगानी होगी।

    पढ़ें : वसुंधरा राजे की कैबिनेट में दो दागी चेहरे

    सत्ता संभालने के करीब एक माह बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सादगी के कदम को आगे बढ़ाते हुए जिला कलेक्टर्स एवं पुलिस अधीक्षक कांफ्रेंस में साफ कहा कि मंत्रियों और अधिकारियों को 'लो प्रोफाइल' रहते हुए काम करने का निर्देश दिया है। वसुंधरा ने शपथ लेने के दो दिन बाद ही लालबत्ती पर आम आदमी की तरह अपने वाहन को रोकने और काफिले में वाहनों की संख्या कम करने का ऐलान कर दिया था। मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को कहा कि मंत्रियों को केवल एक कार और एक गार्ड मिलेगा। पहले मंत्रियों और अधिकारियों के बंगलों पर पांच से दस तक सुरक्षाकर्मी तैनात रहते थे।

    मंत्री और अधिकारी अब निजी कार्यो के लिए सरकारी गाड़ी का उपयोग नहीं कर सकेंगे। कलेक्टरों को 'डेली रिपोर्ट' सीएमओ आफिस में भेजनी होगी। मुख्यमंत्री ने बेसहारा बच्चों को चिह्नित कर उनकी शिक्षा, पालन-पोषण की व्यवस्था जिला कलेक्टरों के जिम्मे करने के भी निर्देश दिए है।

    सादगी का असर यहां भी

    सादगी का असर अब न्यायपालिका पर भी नजर आने लगा है। राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अमिताभ रॉय अब आम आदमी की तरह कोर्ट जाएंगे। उन्होंने अपनी गाड़ी के आगे पुलिस की स्कोर्ट नहीं लगाने के साथ ही आवास पर भी सिक्योरिटी कम करने का निर्णय किया है।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर