घोषणा से पलट सकती है आप
नई दिल्ली [सौरभ]। देश की राजधानी दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में अनोखे ढंग से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाली आम आदमी पार्टी [आप] की मतगणना के बाद भी स्थिति अनोखी रहने की पूरी संभावना है। यूं तो पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सीटें कम आने की स्थिति में कांग्रेस या भाजपा को समर्थन दे या लेकर सरकार नहीं बनाएगी लेकिन यह भी स्थाि
नई दिल्ली [सौरभ]। देश की राजधानी दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में अनोखे ढंग से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाली आम आदमी पार्टी [आप] की मतगणना के बाद भी स्थिति अनोखी रहने की पूरी संभावना है। यूं तो पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सीटें कम आने की स्थिति में कांग्रेस या भाजपा को समर्थन दे या लेकर सरकार नहीं बनाएगी लेकिन यह भी स्थापित तथ्य है कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है।
आप के अपने दावे से पलटने का उदाहरण सबके सामने है। पार्टी ने घोषणा की थी कि किसी दूसरे दल से आने वाले नेता को पार्टी का टिकट नहीं दिया जाएगा लेकिन इस घोषणा के बावजूद चुनाव से ऐन पहले भाजपा छोड़कर आए पार्षद धर्मवीर सिंह और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की पूर्व मेयर सविता गुप्ता को आप ने टिकट दिया। यह बात और है कि सविता गुप्ता ने पार्टी द्वारा मना लिए जाने पर चुनाव नहीं लड़ा, जबकि धर्मवीर ने आप के टिकट से चुनाव लड़ा है और जीत के करीब भी माने जा रहे हैं। इसी तरह मतगणना के बाद भी पार्टी समर्थन न देने-लेने संबंधी अपनी घोषणा से पलट जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।
पढ़ें : सीटों के गणित में उलझे भाजपाई दिग्गज
मुश्किल होगा विजेता उम्मीदवारों को संभालना :
मतदान में पार्टी अपने पक्ष में दिखी हवा से कुछ राहत अवश्य महसूस कर रही होगी लेकिन इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि यदि उसके कुछ उम्मीदवार चुनाव जीतते हैं तो उन्हें अपने पाले में बचा कर रखना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी। पार्टी के जिन उम्मीदवारों को जीत के करीब माना जा रहा है, वे पूर्व में किसी न किसी तरह से भाजपा व कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। ऐसे में चुनाव जीतने के बाद वे अपनी पूर्व पार्टियों की मदद के लिए आगे आएं या उनकी पूर्व पार्टियां उन्हें अपने करीब लाने के प्रयास करें और सफल भी हो जाएं, तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर