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आप ने कहा, 'रिलायंस को काली सूची में डाला जाए'

पेट्रोलियम मंत्रालय में दस्तावेजों की जासूसी के मामले में आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि रिलांयस को काली सूची में डाला जाना चाहिए। पार्टी ने कहा है कि मामले में लिप्त कंपनी के अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए। आप ने इस बारे में केंद्र सरकार से

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sat, 21 Feb 2015 11:51 AM (IST)Updated: Sat, 21 Feb 2015 11:56 AM (IST)
आप ने कहा, 'रिलायंस को काली सूची में डाला जाए'

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। पेट्रोलियम मंत्रालय में दस्तावेजों की जासूसी के मामले में आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि रिलांयस को काली सूची में डाला जाना चाहिए। पार्टी ने कहा है कि मामले में लिप्त कंपनी के अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए। आप ने इस बारे में केंद्र सरकार से कई सवाल भी किए हैं।

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इस मुद्दे को लेकर आप ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता बुलाई। पत्रकारों से बात करते हुए पार्टी नेता आशुतोष ने कहा कि बृहस्पतिवार को पांच लोगों की गिरफ्तारी से साफ हो गया है कि बड़े कॉरपोरेट घराने सरकारी नीतियों की पहले ही जानकारी जुटा लेते हैं और बाद में इसका फायदा उठाते हैं। अस्सी के दशक से ही यह धड़ल्ले से चल रहा है। आशुतोष ने कहा कि इसमें रिलायंस और एस्सार का नाम सामने आ रहा है। रिलायंस इसे स्वीकार भी कर रही है लेकिन कंपनी के किसी बड़े अधिकारी की मिलीभगत के बगैर सेंधमारी मुमकिन नहीं है। आशुतोष का कहना है कि रिलायंस से जुड़ा इस तरह का यह पहला मामला नहीं है। 1998 में भी इसी तरह के एक मामले में कंपनी का बड़ा अधिकारी गिरफ्तार हुआ था। ऐसे में रिलायंस को काली सूची में डाला जाना चाहिए।

पार्टी नेता दिलीप पांडेय ने कहा कि मसला आप या भाजपा का नहीं, पूरे देश का है। आम लोगों के जेहन में सवाल है कि कॉरपोरेट घरानों का भ्रष्टाचार कब दूर होगा। केंद्र सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

आप ने केंद्र सरकार से पूछे सवाल

* क्या इसकी जांच होगी कि जासूसी मामले में शामिल रिलायंस का बड़ा अधिकारी कौन है।

* क्या पुलिस गिरफ्तार कर उससे पूछताछ करेगी।

* क्या दूसरे मंत्रालयों में भी इस तरह की हरकतों पर लगाम लाने की कोशिश होगी।

* निष्पक्ष जांच के लिए सरकार क्या किसी न्यायिक आयोग का गठन करेगी।

* क्या सरकार देश को आश्वस्त करेगी कि आगे इस तरह की जासूसी मुमकिन नहीं होगी।

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