Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पश्चिम बंगाल के एक गांव ने पेश की देशभक्ति के जज्बे की बड़ी मिसाल

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Sat, 17 Mar 2018 09:42 PM (IST)

    पश्चिम बंगाल में एक गांव ऐसा है, जहां का प्रत्येक नागरिक हर रोज सुबह 10.50 बजे राष्ट्रगान के बोल पहुंचते ही सब काम बंद करके खड़ा हो जाता है। ...और पढ़ें

    Hero Image
    पश्चिम बंगाल के एक गांव ने पेश की देशभक्ति के जज्बे की बड़ी मिसाल

    जेएनएन, कोलकाता। हमारे देश में राष्ट्रगान गाने को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहते हैं। कभी सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान पर सवाल उठते हैं तो कभी अन्य जगहों पर। लेकिन इन सबसे इतर पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में एक गांव ऐसा है, जहां का प्रत्येक नागरिक हर रोज सुबह 10.50 बजे कान में राष्ट्रगान के बोल पहुंचते ही सब काम बंद करके खड़ा हो जाता है। सही में यह गांव देशभक्ति के जज्बे की बड़ी मिसाल पेश करता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    - हर रोज सुबह 10.50 बजे स्वेच्छा से रुक जाते हैं सारे काम

    इस गांव के लोग सप्ताह के हर दिन सुबह 10.50 बजे राष्ट्रगान गाने के लिए 52 सेकेंड तक अपना सभी काम रोक देते हैं। घरों में लोग और मोटरसाइकिल, ऑटोरिक्शा व साइकिलों पर सवार या सड़क पर चल रहे राहगीर राष्ट्रगान शुरू होते ही अपनी जगह रुककर खड़े हो जाते हैं। इस खास समय सरकारी अभयनगर प्राथमिक विद्यालय के छात्र 52 सेकेंड का राष्ट्रगान गाते हैं तो लाउडस्पीकर के जरिये इसकी आवाज पास के इलाके तक भी पहुंचती है।

    स्कूल के प्रधानाध्यापक शफीकुल इस्लाम ने बताया, 'हमने सोचा कि इससे छात्रों और लोगों में देशभक्ति बढ़ेगी। हमने ग्रामीणों से कहीं भी रहने पर स्कूल के अपने बच्चों के साथ राष्ट्रगान गाने का अनुरोध किया। स्कूल की इमारत के पास एक लाउडस्पीकर लगाया गया है, जिसके जरिये राष्ट्रगान की आवाज दूर-दूर तक पहुंचती है।'

    गांव के 50 वर्षीय किसान मैजुद्दीन बिश्वास ने कहा कि बुधवार को हम तीन लोग सिर पर अनाज लेकर स्कूल के पास से गुजर रहे थे। लाउडस्पीकर पर राष्ट्रगान सुनाई पड़ते ही हम वहीं रुक गए और हम भी गाने लगे। हमें यह अच्छा लगता है।

    प्रधानाध्यापक ने बताया कि स्कूल में दो लाउडस्पीकर और दो साउंड बॉक्स हैं। कुछ और लाउडस्पीकर लगाने की योजना है और इसके लिए रकम की व्यवस्था की जा रही है। स्कूल में115 छात्र हैं और इनमें से अधिकतर बेहद गरीब परिवारों के हैं।