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बंगाल में 58 आतंकी शिविर होने के सुराग

ब‌र्द्धमान जिले के खागरागढ़ में हुए विस्फोट की जांच के दौरान खुफिया विभाग को पता चला है कि पश्चिम बंगाल में एक-दो नहीं करीब 5

By Sudhir JhaEdited By: Published: Wed, 22 Oct 2014 08:03 PM (IST)Updated: Wed, 22 Oct 2014 08:03 PM (IST)
बंगाल में 58 आतंकी शिविर होने के सुराग

कोलकाता, जागरण ब्यूरो। ब‌र्द्धमान जिले के खागरागढ़ में हुए विस्फोट की जांच के दौरान खुफिया विभाग को पता चला है कि पश्चिम बंगाल में एक-दो नहीं करीब 58 आतंकी प्रशिक्षण शिविर व आइईडी निर्माण केंद्र हो सकते हैं। अभी तक की जांच में यह भी सुराग मिले हैं कि आतंकी प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कई स्थानों पर मदरसों का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्षमता विस्तार में उनकी मदद ले रहे हैं।

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खुफिया जांच की चौंकाने वाली सूचना के अनुसार बांग्लादेश का आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बंगाल में 58 ऐसे केंद्र स्थापित कर चुका है जहां आइईडी तैयार करने से लेकर आतंकियों को प्रशिक्षित किया जाता था। सिर्फ मुर्शिदाबाद में ऐसे 43 केंद्र होने की जानकारी मिली है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को मुर्शिदाबाद में भी एक और आतंकी मॉड्यूल होने का भी पता चला है। पता चला है कि मदरसों की एक चेन ने न सिर्फ बांग्लादेशी आतंकी संगठन को भारत में दाखिल होने में मदद की बल्कि इसने कुछ महिला सदस्यों को फिदायीन हमलावरों के तौर पर नियुक्त करने की तैयारी भी की है। यह वही मदरसा है जिसका संबंध सीधे तौर पर तमिलनाडु के संगठन अल-उम्माह से होने की बात सामने आ रही है।

एनआइए को जांच में अभी और कई चौंकाने वाली बातें सामने आई है। जांच इस ओर भी इशारा करती है कि बंगाल के कई हिस्सों में आतंकी संगठन की शाखाएं वर्षो से मौजूद हैं। ये शाखाएं सन 2010 से चालू होने के संकेत मिले हैं। इन शाखाओं का क्षेत्रीय मुख्यालय मुर्शिदाबाद होने के भी संकेत हैं।

मदरसे की ओर से मिली मदद की वजह से आतंकी संगठन ने बंगाल में अपनी जड़ें जमाईं। एनआइए सूत्रों की मानें तो अब तक करीब 180 बांग्लादेशी नागरिक इस संगठन विस्तार का हिस्सा बन चुके हैं। इसके संचालन में जो व्यक्ति सबसे खास है उसका नाम अनीसुर बताया जाता है। यह वही व्यक्ति है जिसने राज्य में जिहाद के लिए नियुक्त किए गए युवकों व युवतियों के रहने का इंतजाम करता था। अनीसुर बंगाल के कई स्थानीय नेताओं का काफी करीबी है और इस वजह से ही उसके काम में काफी मदद मिली और उसने इस बात को सुनिश्चित किया कि सभी स्लीपर सेल बनाने व आतंकियों को छिपने के लिए सुरक्षित स्थान का इंतजाम भी हो सके।

कुछ स्थानीय नेताओं के जुड़े होने का संदेहकोलकाता। एनआइए ने गृह मंत्रालय को जो रिपोर्ट भेजी है उसमें कुछ स्थानीय नेताओं के इस आतंकी संगठन से जुड़े होने की बात कही गई है। एनआइए के मुताबिक अब वह मुर्शिदाबाद जिले में ग्राम पंचायतों के भी कई अधिकारियों पर नजर रखी जा रही है, जिन्होंने पिछले कई वर्षो में करीब 100 बांग्लादेशी नागरिकों को दस्तावेज जारी किए हैं। इन नागरिकों के आतंकी संगठन से जुड़े होने का शक है। इन दस्तावेजों की मदद से ही इन नागरिकों को वोटर आई कार्ड यहां तक कि पासपोर्ट तक जारी हो गए। इनकी मदद से इन नागरिकों ने कई तरह के गैरकानूनी काम किए और काफी बड़ी धनराशि बाहर के देशों में भेजी।

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