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    देशभर की अदालतों में 5.49 करोड़ केस पेंडिंग, सरकार ने राज्यसभा में दिए ताजा आंकड़े

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 08:43 PM (IST)

    देश की अदालतों में लंबित मामलों की संख्या 5.49 करोड़ से अधिक हो गई है। सरकार ने राज्यसभा में बताया कि सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और निचली अदालतों में बड ...और पढ़ें

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    देशभर की अदालतों में 5 करोड़ 49 लाख केस पेंडिंग (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की अदालतों में लंबित मामलों का बोझ लगातार बढ़ रहा है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि सुप्रीम कोर्ट से लेकर निचली अदालतों तक कुल 5.49 करोड़ से ज्यादा केस पेंडिंग हैं। सरकार ने माना कि न्यायिक देरी कई वजहों से होती है और इसे कम करना बड़ी चुनौती है।

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    कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लिखित जवाब में बताया कि 8 दिसंबर तक सुप्रीम कोर्ट में 90,897, देश के 25 हाई कोर्ट में 63,63,406 और निचली अदालतों में 4,84,57,343 केस लंबित हैं। उन्होंने कहा कि मामलों की जटिलता, सबूतों की प्रकृति, वकीलों और जांच एजेंसियों का सहयोग, गवाहों की उपलब्धता और अदालतों में पर्याप्त स्टाफ व ढांचे की कमी से भी पेंडेंसी बढ़ती है।

    CJI ने भी जताई थी चिंता

    नए चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने भी कहा कि देश में 5 करोड़ से ज्यादा लंबित केस न्यायपालिका के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग केस 90 हजार से ऊपर पहुंच गए हैं। CJI सूर्यकांत ने कहा कि वे यह नहीं देखना चाहते कि पेंडेंसी कैसे बढ़ी या कौन जिम्मेदार है, बल्कि समाधान पर ध्यान देना चाहते हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि दिल्ली के लैंड एक्विजिशन विवाद से जुड़े करीब 1200 मामले उनके एक फैसले से निपट गए थे।

    मीडिएशन को बढ़ावा देने की योजना

    चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि विवाद सुलझाने का आसान तरीका मीडिएशन है और यह सच में गेम चेंजर साबित हो सकता है। उन्होंने 24 नवंबर को जस्टिस बीआर गवई की जगह देश के 53वें CJI के रूप में शपथ ली। उन्हें 30 अक्टूबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने CJI नियुक्त किया था।

    पेंडेंसी रिपोर्ट मंगवाने की तैयारी

    CJI सूर्यकांत ने कहा कि वे देशभर के हाई कोर्ट और ट्रायल कोर्ट से लंबित मामलों की विस्तृत रिपोर्ट मंगवाएंगे। हाई कोर्ट से उन मामलों पर अलग जानकारी मांगी जाएगी, जिन पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी संविधान पीठ फैसला देगी।

    दिल्ली-NCR के बढ़ते प्रदूषण पर उन्होंने कहा कि वे रोज 50 मिनट मॉर्निंग वॉक करते हैं और मौसम जैसा भी हो, यह आदत नहीं छोड़ते।

    AI के इस्तेमाल पर चेतावनी

    चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि AI न्यायपालिका के लिए बड़ा समाधान दे सकता है, लेकिन इसके जोखिम भी समझने होंगे। उनके अनुसार, AI को अपनाते समय उसका उपयोग और उसकी कमियांदोनों पर ध्यान देना जरूरी है।

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