मालेगांव विस्फोट मामले में रमेश उपाध्याय को जमानत मिली
हाई कोर्ट ने पूछा कि क्या उपाध्याय की भूमिका मामले के मुख्य आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल शशिकांत पुरोहित से ज्यादा बड़ी है? ...और पढ़ें

मुंबई, प्रेट्र। बांबे हाई कोर्ट ने सेना के रिटायर मेजर रमेश उपाध्याय को जमानत दे दी। रिटायर मेजर 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं। इस मामले के अन्य प्रमुख आरोपियों को हाई कोर्ट और शीर्ष अदालत से जमानत मिल चुकी है। इसी आधार पर हाई कोर्ट ने मंगलवार को उनकी जमानत मंजूर की। पिछले वर्ष नवंबर में निचली अदालत ने उपाध्याय की जमानत अर्जी नामंजूर कर दी थी। उन्होंने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
जस्टिस रणजीत मोरे और जस्टिस साधना जाधव की पीठ ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो अमानतों पर जमानत मंजूर की। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के वकील संदेश पाटिल ने जमानत याचिका का विरोध किया। पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत के समानता निर्देश के कारण उसके हाथ बंधे हुए हैं।
हाई कोर्ट ने पूछा कि क्या उपाध्याय की भूमिका मामले के मुख्य आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल शशिकांत पुरोहित से ज्यादा बड़ी है? पुरोहित को अगस्त में शीर्ष अदालत से जमानत मिल चुकी है। उपाध्याय के वकील ने इससे इन्कार किया। उन्होंने कहा कि निचली अदालत ने 19 सितंबर को मामले के दो अन्य आरोपियों सुधाकर चतुर्वेदी और सुधाकर धर द्विवेदी को समानता के आधार पर जमानत दी है।

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