चीन की अर्थव्यवस्था में आई गिरावट से दुनिया के बड़े देश चिंतित
चीन की अर्थव्यव्यव्था में आई गिरावट से विश्व के बड़े देश चिंतित हैं। उनका कहना है कि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है।

वाशिंगटन (पीटीआई)। दुनिया के टॉप देशों के वित्त मंत्रियों और विभिन्न देशों के सेंट्रल बैंकों के गवनर्स ने चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट पर चिंता जताई है। आईएमएफ की एक कॉन्फ्रेंस में विश्व के बड़े नेताओं ने यह चिंताए जाहिर करते हुए कहा है कि चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इसमें गिरावट वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है। चीन की अर्थव्यवस्था में करीब तीन दशक की तेजी के बाद गिरावट के हालात पैदा हो गए हैं जिसका लाभ भारत को हो रहा है और वह दुनिया की तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था में चीन की जगह ले रहा है।
अर्थव्यवस्था में गिरावट को रोकने के लिए चीन में बदलाव की शुरुआत भी देखी जा रही है। दरअसल चीन अब मॉडल को बदलने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए वह मैन्युफैक्चरिंग, इन्वेस्टमेंट और एक्सपोर्ट पर आधारित चीन की अर्थव्यवस्था को छोड़कर घरेलू कंजप्शन, सर्विसेस और इनोवेशन पर दायरा बढ़ा रहा है। आईएमएफ की कॉन्फ्रेंस में फ्रांस के वित्त मंत्री मिशेल सैपिन ने कहा कि यह रि-बैलेंसिंग चीन के इकोनॉमिक पार्टनर्स को प्रभावित कर रहा है। हालांकि, इसका सटीक असर अभी तय करना जल्दबाजी होगी। फिर भी हमें चीन के हालात के साथ तालमेल बैठाने के लिए तैयार रहना होगा।
जर्मन फाइनेंस मिनिस्टर वोल्फगैंग शाउबल ने ग्लोबल इकोनॉमी में स्लोडाउन के लिए चीन की सुस्ती को जिम्मेदार ठहराया है। वोल्फगैंग का कहना है कि यह स्लोडाउन चीन की इकोनॉमी के आउटगोइंग ट्रांजैक्शन, कमोडिटी की गिरती कीमतें, कुछ देशों में घरेलू डिमांड में कमी और कम स्चरल रिफॉर्म जैसे कारणों से आया है

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