बेशर्म हो गए हैं डिफॉल्टर, छूट मिलने के बाद भी नहीं दे रहे टैक्स
नितिन प्रधान, नई दिल्ली। सर्विस टैक्स अदायगी को प्रोत्साहन देने वाली स्वैच्छिक घोषणा स्कीम (वीसीईएस) के मामले में सरकार को निराशा का सामना करना पड़ सकता है। सरकार को मिल रहे रिस्पांस से स्कीम की सफलता संदेह के दायरे में आ गई है। इस स्कीम में सरकार को मिलने वाले आवेदनों की संख्या सम्मानजनक आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाई है।
नितिन प्रधान, नई दिल्ली। सर्विस टैक्स अदायगी को प्रोत्साहन देने वाली स्वैच्छिक घोषणा स्कीम (वीसीईएस) के मामले में सरकार को निराशा का सामना करना पड़ सकता है। सरकार को मिल रहे रिस्पांस से स्कीम की सफलता संदेह के दायरे में आ गई है। इस स्कीम में सरकार को मिलने वाले आवेदनों की संख्या सम्मानजनक आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाई है।
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लंबे अरसे से सर्विस टैक्स नहीं दे रहे लोगों को इस दायरे में लाने के लिए वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की पहल पर मंत्रालय ने इस स्कीम की शुरुआत की थी। इस साल मई में शुरू हुई इस स्कीम के तहत पहली अक्टूबर 2007 के बाद से सर्विस टैक्स नहीं अदा कर रहे लोग आवेदन कर छूट का लाभ ले सकते हैं। यह स्कीम 31 दिसंबर, 2013 को खत्म हो रही है। इसके तहत डिफॉल्ट करने वाले लोगों को कुल देय टैक्स का 50 फीसद 31 दिसंबर तक जमा करना है। टैक्स की बकाया राशि को 30 जून, 2014 तक अदा किया जा सकता है। इस पर उन्हें ब्याज नहीं देना होगा। बकाया राशि को 31 दिसंबर, 2014 तक भी जमा कराया जा सकता है लेकिन इस पर पहली जुलाई के बाद की अवधि के लिए ब्याज का भुगतान करना होगा।
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देश भर में सर्विस टैक्स के दायरे में करीब 17 लाख करदाता हैं। इनमें से करीब 10 लाख ऐसे हैं जो न तो टैक्स जमा कर रहे हैं और न ही रिटर्न फाइल करते हैं। इस स्कीम के लिए ऐसे ही 10 लाख लोगों को लक्ष्य बनाया गया है। जिन लोगों को केंद्रीय सीमा व उत्पाद शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) से नोटिस नहीं मिला है, वे भी इस स्कीम में हिस्सा लेकर बकाया टैक्स अदा कर सकते हैं। मगर इसके विपरीत वित्त मंत्रालय को इसके लिए मिलने वाले आवेदनों की संख्या बेहद कम है। राजस्व सचिव सुमित बोस के मुताबिक अभी तक 3000 आवेदन मिले हैं। मंत्रालय का मानना है कि जैसे-जैसे दिसंबर नजदीक आएगा आवेदकों की संख्या में इजाफा होगा। सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि स्कीम की अवधि आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।