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सुप्रीम कोर्ट में पेश हों सुब्रत राय

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह के मुखिया सुब्रत राय और तीन निदेशकों को 26 फरवरी को अदालत में पेश होने को कहा है। निवेशकों को 20 हजार करोड़ रुपये लौटाने के आदेश की अवमानना मामले में उन्हें यह समन जारी किया गया है। साथ ही कोर्ट ने बाजार नियामक सेबी को समूह की जब्त संपत्तियों की बिक्री कर निवेशकों की राशि लौटाने

By Edited By: Published: Thu, 20 Feb 2014 09:43 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2014 09:38 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट में पेश हों सुब्रत राय

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह के मुखिया सुब्रत राय और तीन निदेशकों को 26 फरवरी को अदालत में पेश होने को कहा है। निवेशकों को 20 हजार करोड़ रुपये लौटाने के आदेश की अवमानना मामले में उन्हें यह समन जारी किया गया है। साथ ही कोर्ट ने बाजार नियामक सेबी को समूह की जब्त संपत्तियों की बिक्री कर निवेशकों की राशि लौटाने को कहा है।

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जस्टिस केएस राधाकृष्णन और जेएस खेहर की पीठ ने सेबी को सहारा पर भरोसा न करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि सेबी सहारा की उन संपत्तियों की बिक्री कर सकता है जिसके दस्तावेज समूह सौंप दिए हैं। नीलामी के जरिये इन्हें बेचकर रकम वसूली जाए। अगर इसमें समूह कोई बाधा डालता है तो उसके खिलाफ नियामक आपराधिक मामले दर्ज करा सकता है। पीठ ने सहारा के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले करीब डेढ़ साल से कंपनी अदालत के आदेश की अवहेलना कर रही है। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख के विदेश जाने और समूह की किसी भी संपत्ति को बेचने पर पहले से रोक लगा रखी है।

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सेबी ने दलील दी थी कि कंपनी खुद ही संपत्तियों की बिक्री कर राशि जमा कराए। इस पर पीठ ने कहा, हमारा मानना है कि वे ऐसा नहीं करेंगे। उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। इसलिए आप ऐसा करें। इसमें दिक्कत क्या है। इनकी बाजार कीमत को भूल जाइए और इन्हें नीलाम कर राशि जुटाइए। सुब्रत राय के अलावा जिन अन्य निदेशकों को पेशी का निर्देश दिया गया है उनमें रवि शंकर दुबे, अशोक राय चौधरी और वंदना भार्गव शामिल हैं। ये तीनों समूह की कंपनियों सहारा इंडिया रीयल एस्टेट और सहारा इंडिया हाउसिंग इन्वेस्टमेंट के निदेशक हैं।

सहारा के वकील राम जेठमलानी ने पीठ के समक्ष फिर से यह दलील दी कि समूह निवेशकों को पूरी राशि लौटा चुका है। इस पर अदालत ने कहा कि पिछली सुनवाई में तीन जजों की पीठ समूह के इस दावे को खारिज कर चुकी है। इसलिए इसे दोबारा उठाने की जरूरत नहीं है।


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