जानिए, कैसे फ्री कॉलिंग और सस्ता डेटा देकर रिलायंस जिओ आएगी फायदे में?
रिलायंस जिओ को अपना बिजनेस मुनाफे में लाने के लिए 7.5 से 8 करोड़ यूजर्स जोड़ने होंगे।
नई दिल्ली। रिलायंस जिओ को अपना बिजनेस मुनाफे में लाने के लिए 7.5 से 8 करोड़ यूजर्स जोड़ने होंगे। ब्रोक्रेज फर्म की ओर से हाल में जारी रिपोर्ट्स में यह अनुमान लगाया है कि अगले 2 से 3 वर्षों में कंपनी 7.5 से 8 करोड़ यूजर्स को अपने नेटवर्क से जोड़कर बिजनेस को नो प्रॉफिट नो लॉस की स्थिति में ला सकती है। यह अनुमान सभी ग्राहकों पर औसतन 180 रुपए प्रति माह का बिल चार्ज करने के आधार पर लगाया गया है। कंपनी ने कुल 10 करोड़ यूजर्स का जोड़ने का लक्ष्य रखा है। इस तरह यह माना जा रहा है कि कंपनी ज्यादा कस्टमर बेस पर वाल्यूम्स का फायदा उठाकर 2 से 3 साल में ब्रेक ईवन के स्तर पर पहुंच जाएगी। गौरतलब है कि आज से पूरे देश में रिलायंस जिओ की सर्विस शुरू हो जाएगी और 31 दिसंबर को इसका कॉमर्शियल लॉन्च किया जाएगा। 31 दिसंबर तक कंपनी की ओर से ग्राहकों को कॉलिंग, इंटरनेट और एसएमएस समेत सभी सेवाएं फ्री में दी जा रही हैं।
बीते हफ्ते रिलायंस इंडस्ट्री की सालाना बैठक में भाषण के दौरान चेयरमैन अंबनी ने कहा कि कंपनी का लक्ष्य जल्द से जल्द 10 करोड़ ग्राहक जोड़ने का है। मार्केट एक्सपर्ट जिओ की एंट्री को टेलिकॉम इंडस्ट्री का चेहरा बदल देने वाला मान रहे हैं। उनके मुताबिक जिओ की एंट्री के बाद तमाम दूसरे ऑपरेटर्स का बाजार में बने रहने के लिए टैरिफ प्लान में बदलाव करने होंगे।
IDFC सिक्योरिटीज की ओर से जारी एक नोट में यह कहा गया है कि कंपनी प्रति यूजर 180 रुपए के रेवेन्यु के औसत से 7.5 से 8 करोड़ यूजर्स पर ब्रेक ईवन (नो प्रॉफिट नो लॉस) की स्थिती में आ जाएगी। साथ ही यह भी कहा गया है कि जिओ की सफलता बेहतर कस्टमर केयर और एक्जीक्युशन पर टिकी है।
गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि रिलायंस जिओ 2019-20 तक ब्रेक ईवन की स्थिती में आ जाएगी। इसके लिए कंपनी को 7.5 करोड़ यूजर्स की जरूरत होगी।
मोतीलाल ओसवाल की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 7.5 करोड़ यूजर्स पर औसतन 244 रुपए प्रति यूजर के रेवेन्यु पर कंपननी 18400 करोड़ रुपये की आय अर्जित करेगी। लेकिन इसके बाद भी घाटे में रहेगी। साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कंपनी तीसरे साल से ब्रेक ईवन पर आ जाएगी।
विशेषज्ञ यह भी मान रहे हैं कि अगली चार तिमाहियों में वॉयल और डेटा की कीमतें 20 से 25 फीसदी तक घट जाएंगी।
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