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स्पेक्ट्रम साझा करेंगे रिलायंस जिओ और आर कॉम

देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने अंबानी समूह में वक्त का पहिया आज पूरी तरह से घूम गया।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2016 09:16 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2016 10:22 PM (IST)

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो । देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने अंबानी समूह में वक्त का पहिया आज पूरी तरह से घूम गया। लगभग एक दशक पहले संचार क्षेत्र में कारोबार पर मतभेद की वजह से मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी अलग हुए थे और अब दोनों भाइयों ने संचार कारोबार में एकछत्र राज हासिल करने के लिए फिर से हाथ मिला लिया है।

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भारत में जल्द ही 4जी तकनीकी पर आधारित मोबाइल सेवा शुरू करने वाली मुकेश अंबानी समूह की कंपनी रियालंय जिओ और अनिल अंबानी की रिलायंस टेलीकॉम (आर कॉम) के बीच स्पेक्ट्रम साझा करने का अहम कारोबार हुआ है। यह समझौता देश की अन्य मोबाइल सेवा कंपनियों मसलन एयरटेल, वोडाफोन के लिए एक बुरी खबर है क्योंकि अब उन्हें जिओ और आर कॉम की संयुक्त शक्ति से मुकाबला करना होगा।

दोनो कंपनियों की तरफ से यह सूचना दी गई है कि देश के जिन नौ संचार सर्किलों मे जिओ के पास लाइसेंस नहीं है वहां वह आर कॉम का स्पेक्ट्रम इस्तेमाल करेगी। आर कॉम के पास 800 मेगाह‌र्ट्ज के स्पेक्ट्रम हैं और इस तरह से जिओ इन राज्यों में मोबाइल टेलीफोनी सेवा दे सकेगी। 800 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम पर रिलायंस सीडीएमए सेवा देती है और इस पर ट्रैफिक बहुत ही कम है। देश के अन्य 17 सर्किलों में दोनों कंपनियां एक दूसरे के स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल करेंगी। केंद्र सरकार की तरफ से स्पेक्ट्रम साझा करने और इसका कारोबार करने संबंधी दिशानिर्देश आने के बाद यह संचार क्षेत्र में किया गया सबसे बड़ा करार है। इसके पहले आइडिया और वीडियोकॉन के बीच स्पेक्ट्रम साझा का समझौता हुआ था।

इससे दोनों कंपनियों को फायदा होगा क्योंकि एक के पास बेकार पड़े स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल वह कंपनी करेगी, जिसके पास कोई स्पेक्ट्रम ही नहीं है। दोनों कंपनियों को बड़े वित्तीय फायदे होंगे। यह दोनों कंपनियों के बीच किया गया सहयोग का तीसरा बड़ा समझौता है। इसके पहले इनके बीच टेलीकॉम टावर को साझा करने और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क को साझा करने का समझौता भी हो चुका है।

आज हुए समझौते से माना जा रहा है कि आरकॉम को 4500 करोड़ रुपये की फीस जिओ से मिल सकती है। कंपनी इसका इस्तेमाल सरकार को स्पेक्ट्रम फीस अदा करने में करेगी। बहरहाल, इस समझौता का एक मतलब यह हुआ कि आरकॉम के ग्राहक अब बिना किसी दिक्कत के जिओ की तरफ से दी जाने वाली सेवाओं का फायदा उठा सकेंगे।


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