कावेरी बेसिन में रिलायंस को मिला बड़ा गैस भंडार
रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसकी साझेदार ब्रिटिश पेट्रोलियम [बीपी] ने पूर्वी तट पर स्थित कावेरी बेसिन में एक और बड़े गैस क्षेत्र की खोज की है। गहरे पानी में यह क्षेत्र सीवाई-डीडब्ल्यूएन-2001/2 ब्लॉक में खोजा गया है। इस ब्लॉक से रोजाना 3.52 करोड़ घन फुट गैस और 413 बैरल कच्चे तेल का उत्पादन होने का अनुमान है। तट से करीब 62 किल
नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसकी साझेदार ब्रिटिश पेट्रोलियम [बीपी] ने पूर्वी तट पर स्थित कावेरी बेसिन में एक और बड़े गैस क्षेत्र की खोज की है। गहरे पानी में यह क्षेत्र सीवाई-डीडब्ल्यूएन-2001/2 ब्लॉक में खोजा गया है। इस ब्लॉक से रोजाना 3.52 करोड़ घन फुट गैस और 413 बैरल कच्चे तेल का उत्पादन होने का अनुमान है।
तट से करीब 62 किलोमीटर दूर समुद्र में खोजा गया नया गैस क्षेत्र इस ब्लॉक में कंपनी की दूसरी बड़ी गैस खोज है। इस ब्लॉक में रिलायंस इंडस्ट्रीज [आरआइएल] की 70 फीसद और बीपी की 30 फीसद हिस्सेदारी है। दोनों कंपनियों ने अपने बयान में कहा कि 1,743 मीटर गहरे पानी में कुल 5,731 मीटर गहरा कुआं सीवाई3-डी5-एस1 खोदा गया था। कुंए में मिले तरल पदार्थो के अध्ययन से संकेत मिले हैं कि यहां करीब 143 मीटर के दायरे में गैस भंडार मौजूद हैं।
इस कुंए की खुदाई अगस्त में ही पूरी हुई है। आरआइएल ने यहां मौजूद गैस भंडार के आकलन के लिए ड्रिल स्टेम टेस्ट [डीएसटी] किया है। कुंए में गैस भंडार का शुरुआती दबाव 8,000 पीएसआइ है, जिससे रोजाना 3.52 करोड़ घन फुट गैस का उत्पादन हो सकता है। सरकार और हाइड्रोकार्बन्स महानिदेशालय इस खोज को अधिसूचित कर रहे हैं। इसे डी-56 नाम दिया गया है।
आरआइएल ने इस ब्लॉक में जुलाई 2007 में डी-35 कुंए में भी गैस की खोज की थी। सितंबर 2009 में भी एक अन्य कुंए में गैस खोजी गई थी। हालांकि ब्लॉक के तीन अन्य कुओं में कंपनी को गैस हासिल नहीं हुई। डीजीएच ने डी-35 की अध्ययन रिपोर्ट में कहा था कि छह डॉलर प्रति एमबीटीयू से कम कीमत पर इस क्षेत्र से गैस उत्पादन व्यवहार्य नहीं होगा। सूत्रों के मुताबिक आरआइएल ने इस खोज की विकास योजना पर 1.45 अरब डॉलर और उत्खनन कार्यो पर 26.7 करोड़ डॉलर के पूंजीगत खर्च की योजना तैयार की है।
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