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    रेलवे ने काटी आम आदमी की जेब, 95 रुपये तक बढ़ाया किराया

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    Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

    ईधन समायोजन घटक (एफएसी) लागू होने से सोमवार सात अक्टूबर से मेल/एक्सप्रेस, शताब्दी और राजधानी ट्रेनों के किरायों में पांच रुपये से लेकर

    नई दिल्ली, [संजय सिंह]। ईधन समायोजन घटक लागू होने से सोमवार सात अक्टूबर से मेल/एक्सप्रेस, शताब्दी और राजधानी ट्रेनों के किरायों में पांच रुपये से लेकर 95 रुपये तक की वृद्धि होगी। इसके अलावा दूरंतो ट्रेनों का किराया राजधानी/शताब्दी ट्रेनों के बराबर हो जाएगा और इसमें 100-120 रुपये तक का अतिरिक्त इजाफा होगा।

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    द्वितीय श्रेणी साधारण दर्जे (गैर उपनगरीय) के किरायों में चुनिंदा दूरियों के लिए पांच रुपये तक की वृद्धि होगी। जबकि बाकी सभी दर्जो (स्लीपर, थर्ड एसी, सेकंड एसी, फ‌र्स्ट एसी और एसी चेयरकार) के किरायों में 10 रुपये से लेकर 95 रुपये तक की वृद्धि की जा रही है। इससे वित्त वर्ष के बाकी छह महीनों में रेलवे को तकरीबन 450 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होने की संभावना है। द्वितीय श्रेणी के उपनगरीय और मंथली सीजन टिकट (एमएसटी) के किरायों को एफएसी की वृद्धि से मुक्त रखा गया है। एफएसी के अनुसार किरायों में अगली समीक्षा अब अप्रैल में होगी।

    वहीं मालभाड़ों पर एफएसी के दूसरे पुनरीक्षण के तहत की जाने वाली 1.7 फीसद की वृद्धि 10 अक्टूबर से लागू होगी। आपको बता दें कि अभी पहली अक्टूबर से ही व्यस्त मौसम अधिभार के तहत मालभाड़ों में 15 फीसद तक की वृद्धि की गई थी। एफएसी के तहत की जाने वाली एक और मालभाड़ा बढ़ोतरी से रेलवे को अगले छह महीनों के दौरान तकरीबन 700 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होने की उम्मीद है।

    रेल मंत्रालय के अनुसार एफएसी की ताजा गणना में फरवरी से जुलाई 2013 तक की अवधि की ईधन की महंगाई को ही जोड़ा गया है। इस दौरान डीजल कीमतों में 7.3 फीसद, जबकि बिजली की दरों में 15.5 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। चूंकि इसे वहन करना रेलवे के लिए संभव नहीं था। इसीलिए एफएसी के तहत इस बार किराये और भाड़े दोनों बढ़ाए जा गए हैं।

    चालू वित्त वर्ष 2013-14 के रेल बजट में रेलमंत्री पवन बंसल ने एलान किया था कि अब ईधन की कीमतों के हिसाब से रेलवे की लागतों में ईधन समायोजन घटक (एफएसी) को जोड़ा जाएगा और उसी हिसाब से हर छह महीने में किराये-भाड़े में वृद्धि या कमी हुआ करेगी। अप्रैल में एफएसी के तहत माल भाड़े तो बढ़ा दिए गए थे। लेकिन किरायों में वृद्धि को अक्टूबर से लागू करने का निर्णय हुआ था। इसी के तहत रेलवे ने यात्री किरायों में भी पहली बार एफएसी को लागू करने का निर्णय ले लिया है। किरायों में दो फीसद तक की बढ़ोतरी की गई है। दूसरी ओर मालभाड़ों की एफएसी के तहत दूसरी बार समीक्षा हुई है। परिणामस्वरूप इनमें भी 1.7 फीसद की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है।

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    ''किराये-भाड़े में इस बढ़ोतरी से जनता पर 1,150 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा है। यह आम आदमी के साथ धोखा है। सरकार इस बढ़ोतरी को तुरंत वापस ले।'' - जयललिता, मुख्यमंत्री तमिलनाडु

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