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रोजाना बदलेंगी पेट्रोल-डीजल की कीमतें

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी अस्थिरता को देखते हुए सरकारी तेल कंपनियां घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमत में रोजाना बदलाव करने पर विचार कर रही हैं। अभी कंपनियां हर 15 दिनों पर पेट्रोल और डीजल की कीमत तय करती हैं।

By Test2 test2Edited By: Published: Fri, 13 Feb 2015 08:15 PM (IST)Updated: Sat, 14 Feb 2015 08:11 AM (IST)

नई दिल्ली । अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी अस्थिरता को देखते हुए सरकारी तेल कंपनियां घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमत में रोजाना बदलाव करने पर विचार कर रही हैं। अभी कंपनियां हर 15 दिनों पर पेट्रोल और डीजल की कीमत तय करती हैं। ऐसे समय जब क्रूड की कीमतों में लगातार तेजी से बदलाव हो रहे हैं, तेल कंपनियां के लिए रोजाना कीमत तय करना काफी सुविधाजनक हो सकता है। कई पड़ोसी देशों के अलावा दुनिया के तमाम देशों में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें रोजाना के तौर पर तय होती हैं।

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देश की सबसे बड़ी तेल मार्केटिंग कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) के चेयरमैन बी अशोक ने बताया कि भविष्य में कीमतों को रोजाना के आधार पर तय किया जाएगा। तमाम विकसित देशों में यही होता है। वहां तो एक ही जगह पर स्थित दो गैस स्टेशनों की कीमतों में अंतर होता है। रोजाना तो बदलाव होता ही है। भारत में भी यह करना होगा। वैसे, अभी ऐसा नहीं होने जा रहा है। इससे सही मायने में तेल कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा होगी।

दरअसल, हर पंद्रह दिनों पर क्रूड की कीमत तय करने के मौजूदा फॉर्मूले की वजह से भारतीय तेल कंपनियों की हालत खराब हो रही है। शुक्रवार को जारी इंडियन ऑयल के वित्तीय नतीजे बताते हैं कि तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर, 2014-15) में कंपनी को 2636.80 करोड़ रुपये का भारी घाटा हुआ है। इस घाटे में सबसे अहम भूमिका महंगी दर पर खरीदे गए कच्चे तेल ने निभाई है। अप्रैल, 2014 से जनवरी, 2015 तक क्रूड की कीमत लगातार घट रही है। कंपनी महंगी दर पर क्रूड खरीद रही हैं, लेकिन जब उससे बनाए गए पेट्रोल व डीजल की कीमत तय होती है तब तक क्रूड और सस्ता हो गया होता है। ऐसे में कंपनी को भारी इंवेट्री लॉस (महंगी दर पर कच्चा माल खरीदना और सस्ती दर पर उत्पाद बेचने का अंतर) हो रहा है। पिछले नौ महीनों में कंपनी को इससे 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा उठाना पड़ रहा है। लेकिन जब कंपनी रोजाना कीमत तय करेगी तो घाटा उठाने की संभावना कम हो जाएगी।

आइओसी चेयरमैन ने इस बात के संकेत दिए कि पिछले एक महीने में क्रूड की कीमत में लगभग 10 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी को देखते हुए संभव है कि पेट्रोल और डीजल को सस्ता करने का दौर अब खत्म हो। उन्होंने कहा कि क्रूड की कीमतें बढ़ी हैं, लेकिन हमारे पास अभी दो दिन का वक्त और है। अगले दो दिनों तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल व डीजल की कीमतें क्या रहती हैं, उसके आधार पर ही फैसला किया जाएगा।

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